गणेश मिश्रा- बीजापुर। एक करोड़ की महिला नक्सली की गिरफ्तारी की खबर पर विराम लगा है। तीन दिनों से सोशल मीडिया पर गिरफ्तारी की खबर चल रही थी। लेकिन सच्चाई यह है कि, एक करोड़ की ईनामी नक्सली नेता और सीसी मेम्बर सुजाता उर्फ पोतुला कल्पना गिरफ्तार नहीं हुई बल्कि तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। 

मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य ठीक न होने की वजह से सुजाता ने 10 दिन पहले ही नक्सल संगठन को छोड़ दिया था। इसके बाद वह हैदराबाद के महबूब नगर में इलाज कराने आई थी। फिलहाल वह हैदराबाद पुलिस के कब्जे में है। पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है। सुजाता का पति किशन भी मोस्ट वांटेड नक्सल कमांडर था। झारखंड मुठभेड़ में उसकी हो गई। 

नक्सली नेता सुजाता की पुरानी तस्वीर

100 से ज्यादा वारदातों में शामिल थी सुजाता 

बता दें कि, नक्सली सुजाता छत्तीसगढ़ के सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में 100 से ज्यादा वारदातों में शामिल थी। पुलिस ने बताया कि, उस पर छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से लगभग एक करोड़ का इनाम था। सुजाता ने खुंखार नक्सली हिडमा को भी ट्रेनिंग दी है। उसने कई महिला नक्सली संगठन भी तैयार किया है। 

इन बड़ी वारदातों में थी शामिल 

  1. 9 जुलाई 2007 – एर्राबोर के उरपलमेटा में सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों पर एंबुश लगाकर हमला किया था। इस हमले में 23 जवान शहीद हो गए थे। 
  2. 6 अप्रैल 2010 – बस्तर ने ताड़मेटला में सीआरपीएफ जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। नक्सलियों ने बारुदी सुरंग विस्फोट कर दिया। इसमें 76 जवान शहीद हो गए। 
  3. 17 मई 2013 – यात्री बस में सवार जवानों पर दंतेवाड़ा के गादीरास के पास नक्सलियों ने बारूदी सुरंग लगा कर हमला किया था। इसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी सहित 36 लोग मारे गए थे। 
  4. 25 मई 2013- बस्तर के झीरम घाटी नक्सल हमले में आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार पटेल समेत 32 लोग मारे गए थे। 
  5. 24 अप्रैल 2017- सुकमा जिले के चिंतागुफा के पास नक्सलियों ने एंबुश लगाकर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हुए थे। 
  6. 21 मार्च 2020 – सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में सर्चिंग के दौरान डीआरजी और एसटीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने फायरिंग किया था। इसमें 17 जवान शहीद हो गए थे। 
  7. 3 अप्रैल 2021- बीजापुर जिले के टेकलगुड़ेम में नक्सलियों ने एंबुश लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला किया था। इस हमले में 21 जवान शहीद हुए। एक जवान राकेश्वर मन्हास को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था और बाद में उसे छोड़ दिया था।