नक्सलियों पर भरोसा ना करे सरकार : माओवादी विरोधी विचारक फारूख अली की सलाह, पहले IED हटाने की रखें शर्त

गणेश मिश्रा- बीजापुर। नक्सलियों की उत्तर पश्चिम सब ज़ोनल ब्यूरो कमेटी के नाम से पर्चा जारी किया गया है। जिसमें नक्सलियों ने एक बार फिर से शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा है। जिसमें नक्सलियों ने आपरेशन रोकने की मांग की है। नक्सलियों के पर्चे का जवाब देते हुए नक्सल विरोधी विचारक फारूख अली ने कहा कि नक्सली भरोसे योग्य नहीं है। नक्सलियों द्वारा पहले जितने IED गावों खेतों खलियानों मे लगाये गये हैं, नक्सली उन्हें पहले हटायें। निर्दोष ग्रामीण मवेशी, मासूम बच्चे, वृद्ध और हमारे जवान IED की चपेट मे आ रहे हैं। नक्सली पहले IED हटायें और मुख्यधारा से जुड़ें।
फारूख अली ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि, नक्सली विश्वास योग्य नही किसी षड्यंत्र की मंशा नज़र आ रही है, इनसे सख्ती से निपटना ही सही रहेगा। पुलिस एवं सुरक्षा बलों की कार्यवाही से जनता खुश है। नक्सलियों के काले साये से कई गांव अब विकास के उजियारे मे अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य की परिकल्पना कर पा रहे हैं। क्षेत्रीय नक्सलियों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि, हमारे भटके साथी बाहरी नक्सलियों के चक्कर में अपनी जान ना गवाएं और आत्मसमर्पण करें। सरेंडर कर वे सरकार की लाभदायक योजना पाकर अपना जीवन समृद्ध एवं सुखदायी करें। नक्सलियों द्वारा अंदरूनी गावों मे पर्चे लगाकर भटके हुए क्षेत्रीय नक्सलियों को मुख्यधारा से जुड़ने अपील किया जाएगा।

आत्मसमर्पण कर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं नक्सली
फारूख अली ने आगे कहा कि, सरकार ने आत्मसमर्पण पर प्रोत्साहन राशि भी 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है और हथियार लेकर आत्मसमर्पण करने पर लाखों का राशि रखा गया है। साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के उत्थान के लिए मकान, रोजगार का सुनहरा मौका प्रदान किया है। नक्सल समस्या खत्म होते ही बस्तर की सुंदरता उभरकर नजर आयेगी। पर्यटन के रास्ते खुलेंगे, नये उद्योग एवं रोजगार का जरिया बनेंगे। विकास से बस्तर देश दुनिया के लिए मिसाल बनेगा।
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