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लीलाधर राठी- सुकमा। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता आदिवासियों के जीवन में आर्थिक उन्नति का एक बड़ा माध्यम है। तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर कांग्रेस काल का बड़ा बोनस घोटाला सामने आया है। इस मामले में भाजपा सरकार ने सुकमा के वनमंडला अधिकारी को निलंबित करते हुए इस तरह के मामले से जुड़े सभी आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। इस मामले में वन विभाग के कर्मचारियों और प्रबंधकों पर कार्रवाई जारी है। 

जांच को लेकर भाजपा नेता हुंगाराम मरकाम ने कहा कि, जब प्रदेश में भाजपा कि सरकार आयी तब तेंदूपत्ता दुगुने दाम पर खरीदने के अपने वादा को पूरा करने का काम हुआ है। वास्तव में हरा सोना कहें जाने वाले तेन्दुपत्ता का वास्तविक क़ीमत भाजपा सरकार ने दिया। इसके साथ ही बोनस देने का भी काम किया। प्रबंधकों ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के पैसे में हेरफेर कर भ्रष्टाचार का जो काम किया है। उसके खिलाफ भी सरकार सख़्ती से काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि वन मंत्री केदार कश्यप का बहुत- बहुत धन्यवाद जो उन्होंने हमारी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए आदिवासी भाई बहनों को हक़ दिलाने का काम कर रही है। 

बीजेपी की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टोरलेंस नीति के तहत कर रही काम 

हुंगाराम ने आगे कहा कि, भाजपा भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोरलेंस नीति पर काम कर रही है। आदिवासी हितों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वन मंत्री केदार कश्यप की सरकार इस मामले में जितने भी दोषी चेहरे सामने आएंगे उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। इस मामले में कुछ लोग राजनैतिक कर अपनी खोई हुई जमीन को तलाशने का कार्य कर रहे हैं, जिसमे वे सफल नहीं हो पाएंगे।