नौशाद अहमद- सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर वन मंडल के कुदरगढ़ रेंज में बाघ ने दो गायों का शिकार किया है। जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है। दो साल पहले इसी रेज में बाघ के हमले से दो ग्रामीण की मौत हो गई थी और ग्रामीण के हमले से बाघ भी घायल हो गया था। जिसके बाद बाघ का रेस्क्यू किया था, बाघ की जानकारी मिलते है। वन अमला मौके पर पहुंच कर मॉनिटर कर रहा है।
जिले के वन मंडल अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि, गुरु घासीदास कोरिया वन मंडल सूरजपुर वन मंडल के बॉर्डर क्षेत्र में टाइगर का विचरण कर रहा है। हमने सूरजपुर वन मंडल और कोरिया वन मंडल की टीम निगरानी बनाई हुई है। हमारे द्वारा लोगों को समझाइए दिया जा रहा है कि, वह जंगल की ओर न जाए और जहां पर शिकार किया है उसको भी ट्रैक किया जा रहा है। हम काफी ज्यादा अलर्ट हैं। कही जहर खुरानी जैसा कोई घटना ना हो इसके लिए कैमरे की मदत से भी हम टाइगर के मूमेंट को मॉनिटरिंग करने का कोशिश करेंगे। जिस तरह से दो दिन पूर्व कोरिया जिले में एक बाघ की मौत हुई है, उसके बाद से पूरा वन विभाग अलर्ट मोड पर है ।
कल ही किया गया बाघ का अंतिम संस्कार
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और कोरिया वनमण्डल की सीमा पर मृत मिले बाघ के शव का शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग ने अंतिम संस्कार कर दिया। ग्रामीणों से बातचीत के दौरान यह बात भी सामने आई कि, 5 नवंबर से ही बाघ नदी किनारे मृत पड़ा था, लेकिन देखने से ऐसा लग रहा था कि, बाघ सोया हुआ है।
पीएम रिपोर्ट से पता चलेगी मौत की वजह
बाघ के मृत मिलने की सूचना मिलने पर वन अमला मौके पर पहुंचा और बाघ की सुरक्षा करते हुए आसपास के इलाके की सर्चिंग शुरू कर दी। खोजबीन के लिए डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया, लेकिन वह नहीं मिल सका। आज चार सदस्यीय चिकित्सकों के दल ने उसका पोस्टमार्टम किया। अब पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।