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रायपुर। मरीजों के निशुल्क इलाज में गलत पैकेज का इस्तेमाल कर ज्यादा लाभ कमाने का खेल निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से चल रहा है। आयुष्मान स्वास्थ्य सहायता योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है। नेशनल फ्रॉड यूनिट से मिली फाल्स क्लेम ट्रिगर की जानकारी के आधार पर जांच के बाद राज्य के 23 अस्पतालों को अलग-अलग अवधि के लिए योजना से निलंबित किया गया है और पांच को चेतावनी जारी की गई है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना में होने वाले फॉल्स क्लेम के ट्रिगर नेशनल एंटी फ्राड यूनिट के माध्यम से समय-समय पर भेजे जाते हैं। 

इस आधार पर राज्य में आयुष्मान के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़ा को रोकने स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने गंभीरता दिखाई और आंकड़ों के आधार पर अस्पतालों की जांच करने का निर्देश दिया। स्टेट नोडल एजेंसी द्वारा रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जिलों के अस्पतालों को इसके लिए चिन्हित किया गया। 29 जनवरी को छापेमारी की तर्ज पर इन अस्पतालों मे जांच की गई। दस्तावेजों में गड़बड़ी मिलने पर अस्पतालों को दो दिन बाद नोटिस दिया गया और स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर 23 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसमें तीनों जिले के 15 अस्पतालों का पंजीयन एक साल के लिए योजना से सस्पेंड किया गया है। 4 अस्पतालों को 6 माह तथा 3 निजी अस्पतालों पर 3 माह के निलंबन की कार्रवाई की गई है। 5 अस्पतालों का गोलमाल कम था, इसलिए उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ा गया। 

मरीजों से भी फीडबैक 

अस्पतालों द्वारा क्लेम किए गए मामलों की जानकारी के लिए टीम के चिकित्सक सहित अन्य लोगों द्वारा वहां मौजूद मरीजों और उनके परिजनों से भी फीडबैक लिया गया। उनसे भर्ती होने की वजह, आयुष्मान के अलावा अन्य भुगतान के बारे में भी जानकारी ली गई। परिजनों से मिले फीडबैक और उनसे संबंधित हुए क्लेम का मिलान किया गया। अक्सर इस बात की शिकायत मिलती है कि अस्पतालों द्वारा इलाज के दौरान ज्यादा पैकेज वाली बीमारियों को ब्लाक किया जाता है।

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छापेमारी लीक होने का डर 

निजी अस्पतालों की जांच में स्टेट नोडल एजेंसी द्वारा पूरी गोपनीयता बरती गई, क्योंकि छापेमारी लीक होने का डर था। राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों को बिना जानकारी के नवा रायपुर स्थित मुख्यालय बुलाया गया। तीनों जिलों के लिए अलग-अलग कई टीमें बनाई गईं और प्रत्येक को दो अस्पतालों की जांच का जिम्मा देकर रवाना किया गया। अस्पताल पहुंचकर टीम ने दस्तावेजों की जांचकर जानकारी जुटाई।

फर्जीवाड़े में धरे गए यह अस्पताल 

रायपुरः कान्हा चिल्ड्रन हास्पिटल 1 साल, आरोग्य हास्पिटल तीन माह, अग्रवाल हास्पिटल 1 साल, अशोका सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल वार्निंग लेटर, गुडविल हास्पिटल 1 साल, मातृ स्मृति हास्पिटल 6 माह, मोर हास्पिटल 1 साल, रामकथा हास्पिटल एक साल, श्री श्याम मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल 1 साल, हार्ट इंस्टीट्यूट एवं आ ईवीएफ सेंटर 1 साल के लिए योजना से निलंबित किए गए हैं। इसके अलावा तीन बड़े अस्पताल भी फर्जीवाड़े में लिप्त पाए गए हैं। 

बिलासपुरः महादेव हास्पिटल 1 साल, आराध्य हास्पिटल 3 माह, जुनेजा आई हास्पिटल 3 माह, मार्क हास्पिटल 1 साल, नोबेल मेडिकेयर 1 साल, शिवशक्ति हास्पिटल 3 माह, श्री मंगला हास्पिटल 1 साल, श्री कृष्णा हास्पिटल, 1 साल, श्री साई हास्पिटल 6 माह तथा श्री शिशु भवन हास्पिटल को वार्निंग लेटर जारी किया गया है। 

दुर्गः प्लस हास्पिटल, 6 माह, एसआर हास्पिटल 1 साल, यशोदानंदन चिल्ड्रन हास्पिटल को वार्निंग लेटर जारी किया गया है। दुर्ग में भी कई बड़े अस्पतालों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं।