नौशाद अहमद- सूरजपुर। सरगुजा के सूरजपुर जिले में नशीली दवा पिलाकर छात्रा के साथ गैंगरेप के मुख्य आरोपी कांता सिंह ने छिंदीया के जंगल में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उसकी लाश फंदे पर लटकी मिली है। रामानुजनगर पुलिस मौके पर पहुंच गई है। 

उल्लेखनीय है कि, सूरजपुर जिले में दशहरा के दिन 12वीं कक्षा की एक छात्रा से पांच युवकों पर गैंगरेप करने का आरोप लगा था। बताया गया कि, छात्रा को उसका एक पूर्व परिचित युवक पानी में कोई नशीली चीज पिलाने के बाद किडनैप कर जंगल में ले गया। जहां उसने अपने चार अन्य साथियों के साथ छात्रा से गैंगरेप किया। इस दौरान जब छात्रा बेहोश हो गई तो युवक उसे मृत समझकर भाग खड़े हुए। मामला रामानुजनगर थाने का है।

इस वारदात के बाद पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगे थे। छात्रा के परिजनों के मुताबिक, सूरजपुर पुलिस ने जिले में CM का कार्यक्रम बताकर FIR लिखने में आनाकानी की। इससे छात्रा को इलाज मिलने में दो दिन की देरी हुई। बताया जा रहा है कि, टीएस सिंहदेव के हस्तक्षेप के बाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में छात्रा का इलाज शुरू हुआ। अभी तक छात्रा की हालत गंभीर बताई गई है। 

गैंगरेप के मुख्य आरोपी कांता सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली

दशहरा मैदान में मिला पूर्व परिचित युवक

इस पूरी वारदात के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक, वारदात दशहरा पर्व के दिन शाम की है। सूरजपुर जिले के श्रीनगर के पास एक गांव की छात्रा अपनी सहेलियों के साथ दशहरा देखने श्रीनगर पहुंची थी। रावण दहन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम देख रहे थे। इस दौरान 9वीं, 10वीं में सहपाठी रहा युवक कांता सिंह उसे मिला। पूर्व परिचित होने के नाते दोनों में बातचीत होने लगी। 

पानी की बोतल में नशीली चीज मिलाकर पिला दी

इस दौरान छात्रा ने कांता सिंह से पीने के लिए पानी मांगा। कांता ने छात्रा को पानी की बोतल लाकर दी। कहा जा रहा है कि, कांता सिंह ने पानी की बोतल में कुछ मिला दिया था जिसे पीने के बाद छात्रा को नींद आने लगी। छात्रा ने सहेलियों से घर चलने को कहा। इस बीच आरोपी कांता ने उसकी सहेलियों से कहा कि, वह छात्रा को घर छोड़ देगा।

घर छोड़ने की बजाय जंगल में ले गया युवक

पीड़िता के परिजनों के मुताबि, कांता ने छात्रा को बाइक पर बिठाकर गांव के बाहर जंगल में ले गया। वहां उसके 4 और साथी पहुंच गए। वहां पहले कांता ने और फिर उसके सभी साथियों ने छात्रा से गैंगरेप किया। आरोप है कि, युवकों ने छात्रा के साथ मारपीट भी की। छात्रा के बेहोश हो जाने पर उसे मरा समझकर भाग निकले।

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में छात्रा को भर्ती कराया गया है. 

दूसरे दिन परिजनों को मिली छात्रा

छात्रा के परिजनों के मुताबिक, बिटिया के घर नहीं पहुंचने पर उसकी खोजबीन में वे लगे थे। लेकिन रातभर उसका कहीं पता नहीं चला। दूसरे दिन सुबह छात्रा किसी तरह घिसटते हुए जंगल से बाहर निकली। उसकी हालत देखकर दिनभर परिजनों ने उसे घर पर रखा। होश आने पर सोमवार को पुलिस को घटना की सूचना दी। आरोप है कि, पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी।

मारपीट की दी गई थी जानकारी : पुलिस

उधर सूरजपुर पुलिस का कहना है कि, युवती के पिता की रिपोर्ट पर रामानुजगंज थाने में 13 अक्टूबर को कांता सिंह के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया। उस समय युवती के पिता या छात्रा ने केवल मारपीट की बताई। अंबिकापुर जाकर वे अगर गैंगरेप की जानकारी दे रहे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई होगी।

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तीन अस्पतालों में शुरू तक नहीं हुआ इलाज

परिजनों के मुताबिक, छात्रा को लेकर वे पहले श्रीगनर और उसके बाद सूरजपुर के हॉस्पिटल गए थे। लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं होने के कारण वहां के अस्पतालों में छात्रा का इलाज शुरू ही नहीं हुआ। तब परिजन छात्रा को लेकर मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर पहुंचे। यहां भी छात्रा की हालत गंभीर होने के बावजूद बिना MLC यानी मेडिको लीगल केस के इलाज शुरू नहीं हुआ।

पूर्व विधायक ने घटना सिंहदेव को बताई

बताया जा रहा है कि, पीड़िता को इलाज नहीं मिलने की जानकारी प्रेमनगर के पूर्व विधायक खेलसाय सिंह ने पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को दी। तब श्री सिंहदेव ने IG को फोन किया। इसके बाद जाकर पुलिस ने छात्रा की शिकायत लिखी और मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उसका उपचार शुरू हो पाया। यह भी बताया गया है कि, सिंहदेव ने मेडिकल कॉलेज के डीन से बातकर युवती के इलाज के संबंध में जानकारी ली।