आशीष कुमार गुप्ता-बतौली। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगीडीह में 8 घंटे तक पीड़ा से तड़प रही महिला का प्रसव होने के तुरंत बाद ही बच्चे की मौत हो गई। महिला को आनन-फानन में ड्यूटीरत नर्स ने जिला अस्पताल में रिफर करवा दिया गया। रेफर करवाने के बाद नर्स ने अपने काम से पल्ला झाड़ लिया, जिससे आक्रोशित परिजन लापरवाह कर्मचारियों पर कारवाई की मांग कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, सरगुजा जिले के बतौली क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति एक बार फिर सामने आई है। ताजा मामला एक प्रसूता महिला ज्योति सोनवानी, पति मुनेश्वर सोनवानी को प्रसव पीड़ा होने पर बरगीडीह स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को भर्ती कराया गया था। महिला दोपहर 2 बजे से प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी, उसे रात्रि 10 बजे प्रसव हुआ। लेकिन सिस्टम से लाचार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारगीडीह अकेले नर्स के भरोसे चल रहा था। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि, प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला का समुचित उपचार व देखभाल नहीं किया गया। प्रसव के बाद मृत नवजात को नर्स ने जिंदा बताकर जिला अस्पताल रिफर कर दिया, जहां नवजात को मृत घोषित कर दिया गया।
पीड़िता की मांग, अस्पताल प्रबंधन पर हो कड़ी कार्रवाई
सबसे बड़ी विडंबना की बात है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 3 डॉक्टर सहित 4 नर्स होने के बावजूद 1 नर्स ड्यूटीरत थी। इससे साबित होता है कि, अस्पताल प्रबंधन द्वारा भारी लापरवाही बरती गई है। अपने नवजात को खोने के दर्द में पीड़िता ज्योति सोनवानी अपने मासूम मृत नवजात की जान मांग रही है या फिर अस्पताल में पदस्थ कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रही है।
मौत पर भी बेपरवाह बीएमओ का अजीब सा रवैया
जब नवजात की मौत पर पत्रकार द्वारा बीएमओ राघवेंद्र चौबे से लापरवाही पर बात की गई तो बीएमओ साहब झल्ला उठे और कहे कि मुझे मेडिकल लाइन में कोई दिलचस्पी नहीं। साहब की बातों में ऐसे शब्द छुपे है तो फिर अस्पताल में कैसा इलाज होता होगा यह जांच का विषय है। इस संबंध में सरगुजा सीएचएमओ पी एस मार्को ने कहा कि नवजात की मौत गंदे पानी पीने से हुआ है, नर्स द्वारा पूरी सावधानी से प्रसव कराया गया था। कभी-कभी ऐसे मामले हो जाते है फिर भी लापरवाही किए कर्मचारियों पर कारवाई की जाएगी। अभद्र व्यवहार के मामले में कहा कि सभी अधिकारियों को सचेत किया जाएगा।