रायपुर। पिछली सरकार में वनरक्षकों के 1500 पदों पर हुई भर्ती में भी गड़बड़ी का शक है, इसीलिए पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत पर केंद्र ने राज्य को चिट्ठी लिखकर मामले की जांच कराने कहा है। शिकायत में हेड ऑफ फॉरेस्ट को टार्गेट किया गया है।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत के मुताबिक, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव ने कैंपा के साथ 1500 वनरक्षकों की भर्ती के नाम पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है। इसकी शिकायत उन्होंने जनवरी 2025 में केंद्र सरकार में की थी। उसी शिकायत पत्र के आधार पर केंद्र सरकार ने कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है। अपनी शिकायत में श्री कंवर ने राव पर कैंपा मद के बजट का अपने करीबी रिश्तेदारों के साथ मनमाने तरीके से इस्तेमाल किया। अधिकतर दूरस्थ स्थानों पर कार्य के नाम पर फंड का आवंटन किया, किन्तु सत्यापन किया जाएगा, तो वहां कार्य नहीं होना पाया जाएगा।
डेढ़ हजार पदों के लिए सवा चार लाख आवेदन
वन विभाग में 1500 पदों पर नवंबर-2024 से दिसंबर के बीच शारीरिक परीक्षा विभिन्न वनमंडलों में किया गया। कुल सवा चार लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। भर्ती के लिए शारीरिक परीक्षण हेतु डीएफओ, बालोद, सरगुजा, महासमुंद, जशपुर, कांकेर, रायगढ़, कोरिया, बीजापुर, कवर्धा, राजनांदगांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, रायपुर, धमतरी, बिलासपुर, और कोरबा द्वारा लिया गया है।
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अर्हता नहीं रखने वालों की नियुक्ति
श्री कंवर ने बताया कि, श्रीनिवास राव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अर्हता नहीं रखने वाले लोगों की नियुक्ति की है। कंवर के पत्र पर केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने वन विभाग के प्रमुख सचिव को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। हेड ऑफ फॉरेस्ट से उनके ऊपर लगे आरोपों पर पक्ष जानने मोबाइल से संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
फिजिकल टेस्ट में गड़बड़ी का आरोप
फिजिकल टेस्ट लेने निजी संस्था टाइमिंग टेक्नॉलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेट की सेवाएं ली गई थीं। इसके लिए संस्था को 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। पूर्व गृहमंत्री ने आरोप लगाया है कि जिस संस्था की फिजिकल टेस्ट लेने सेवाएं ली गई, उस संस्था ने गोपनीयता का किसी भी तरह का पालन नहीं किया। इसके साथ ही फिजिकल टेस्ट लेने निजी संस्था ने कई जिलों में अपने इक्वीपमेंट नहीं भेजे। इसके कारण अव्यवस्था की स्थिति निर्मित हुई। पूर्व गृहमंत्री ने अपने आरोपों में कहा कि फिजिकल टेस्ट सूर्योदय से सूर्यास्त के पहले होना था, लेकिन इसमें समय का ध्यान नहीं रखा गया। फिजिकल टेस्ट देर शाम तक कम रोशनी में लेने का श्री कंवर ने आरोप लगाया है।