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मांढर की महिलाओं को स्वच्छता की सेवा कार्यक्रम में सीएम विष्णुदेव साय ने सम्मानित किया है। पिछले चार सालों से महिलाओं की टीम डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर रही हैं। 

छन्नू खंडेलवाल- मांढर। छत्तीसगढ़ के टेकारी गांव की महिलाओं को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंगलवार को स्वच्छता ही सेवा अभियान के एक कार्यक्रम में सम्मानित किया. इस दौरान सीएम साय ने महिलाओं को स्वच्छता किट वितरित किया। सम्मानित महिलओं ने प्रतिदिन घर-घर जाकर कचरा कलेक्शन किया और गांव को साफ-सुथरा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

दरअसल ग्राम पंचायत टेकारी धरसींवा ब्लॉक बड़ी पंचायत के नाम से जाना जाता है। यहां लगभग 20 वार्ड है। जिसकी आबादी 15 से 20 जनसंख्या पहुंच चुकी है। महिलाओं ने स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने प्रतिदिन घर-घर जाकर कचरा कलेक्शन किया और गांव को साफ-सुथरा रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस उपलब्धि से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री साय ने स्वच्छता ही सेवा अभियान कार्यक्रम में महिलाओं को सम्मानित किया. और स्वच्छता किट वितरित किया इस सम्मान से गांव की महिलाओं में खुशी का माहौल हैं। 

4 साल से लगातार डोर टू डोर कचरा कलेक्शन  

पिछले 4 साल से ग्राम पंचायत टेकारी के सरपंच खिलेंद्र वर्मा के नेतृत्व में प्रतिदिन डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है। इस टीम में 10 महिलाएं शामिल है। पंचायत की तरफ से कचरा कलेक्शन के लिए चार ई रिक्शा दिए गए है। स्वच्छता महिला टीम प्रतिदिन अलग-अलग वार्डों में जाकर कचरा कलेक्शन करती है। कचरा को एक जगह इकट्ठा किया जा रहा है। प्रति महिला को 3 हजार रुपए मानदेय के रूप में पंचायत की ओर से दिया जाता है।

sakchta hi seva abhiyan
सीएम साय ने महिलाओं को किया सम्मानित

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स्वच्छता की मिसाल पेश कर रही महिलाएं 

ग्राम पंचायत टेकारी में स्वच्छता को लेकर एक अनोखी मिसाल पेश की जा रही है। यहां 10 महिलाओं टीम में तारिणी यादव , केरवा , रामकली धीवर, मधु धीवर, लता धीवर, कमलेश्वरी भतपरे, प्रमिला, नंदनी स्वच्छता टीम में शामिल है। जिसमें दो बुजुर्ग महिला राजबंती धोबी जयंती वर्मा भी शामिल हैं। ये महिलाएं प्रतिदिन डोर टू डोर जाकर कचरा कलेक्शन करती हैं और गांव को स्वच्छ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सरपंच खिलेंद्र वर्मा ने बताया कि स्वच्छता टीम में शामिल बुजुर्ग महिलाएं अपनी उम्र के बावजूद गांव की स्वच्छता के लिए काम कर रही हैं। उनकी मेहनत से गांव की स्वच्छता में काफी सुधार हुआ है। इस पहल से गांव में स्वच्छता के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिल रहा है।


 

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