जीवानंद हलधर-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में बस्तर आईजी सुंदर राज पी ने नक्सल घटनाओं को लेकर मिडिया से बातचीत की और नक्सलियों से निपटने की रणनीति बताई। उन्होंने कहा कि, हर साल माओवादियों द्वारा टीसीओसी माह के नाम पर क्षेत्र में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देना और सुरक्षाबलों पर हमला करना इस प्रकार की रणनीति माओवादियों द्वारा बनाई जाती हैं।
इस बार माओवादियों के ख़िलाफ़ अब टीसीओसी अभियान में भी सुरक्षा बल आक्रामक रहने वाले हैं। हां.... ये जरूर है कि, सुरक्षा बलों को एतिहातन तौर पर बस्तर आईजी ने अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं। इस टीसीओसी माह में सुरक्षा बलों द्वारा ऑपरेशन को कोर इलाके में चलाया जायेगा। टीसीओसी (ट्रेक्टिकल काउण्टर अफेन्सी कंपेन) अभियान जो कि, फ़रवरी माह से लेकर जून-जुलाई माह तक माओवादी चलातें हैं. इन 5 से 6 महीनो में माओवादी सुरक्षा बलों पर बड़ा हमला करने की कोशिश करते हैं।
टीसीओसी माह माओवादियों के लिए होगा घातक
उन्होंने आगे कहा कि, बीते कुछ वर्षों में माओवादियों ने इसी टीसीओसी माहा के समय में ही बड़ी घटनाओ को अंजाम दे चुके हैं और हमारे सुरक्षाबलों को बड़ा नुकसान पहुंचा चुके हैं। लेकिन इस बार टीसीओसी माह माओवादियों के लिए घातक होगा। साथ ही ऑपरेशन और सर्चिंग में निकलने वाले सभी सुरक्षाबलों को अलर्ट रहने को कहा गया है। बस्तर आईजी ने आगे कहा कि, टीसीओसी अभियान में माओवादी सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए योजना बनाते हैं। लेक़िन लगातार सुरक्षा बल अन्दुरुनी इलाक़ो में नवीन कैम्पो के स्थापित करने से माओवादियों का इलाका और जनाधार कम हुआ है। जिसके चलते माओवादी बौखलाए हुए हैं और बड़ी घटना को अंजाम देने की कोशिश करेंगे।
सुरक्षाबलों ने निशाने पर होंगे टॉप लीडर
बस्तर आईजी ने आगे कहा कि, इस बार टीसीओसी माह में सुरक्षा बल माओवादियों के बड़े लीडरों को टॉरगेट करने की योजना बना रहे हैं। माओवादियों के कोर इलाके मे सुरक्षा बल नवीन कैंप स्थापित कर रही है। जिसके चलते माओवादी अपने गढ़ को छोड़ दूसरे जगह भागने को मजबूर हो रहे हैं। इस बार टीसीओसी माह मे सुरक्षाबलों के निशाने में माओवादियों के बड़े लीडर रहेंगे।