महेंद्र विश्वकर्मा-जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में शासन की महत्वपूर्ण योजना नियद नेल्लानार के तहत अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित गांव डुमरी पालनार में जनपद की टीम 3 नालों को पारकर 2 किमी पैदल चलकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने पहुंची। नियद नेल्लानार के तहत नक्सल प्रभावित और अतिसंवेदनशील गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय के निर्देशानुसार जनपद पंचायत बीजापुर की टीम को ग्राम डुमरी पालनार पहुंची। जनपद पंचायत बीजापुर की टीम जब इस अतिसंवेदनशील गांव डुमरी पालनार जाने के लिए निकली थी तब वह रास्ता भटक गई थी। लेकिन फिर इस टीम को ट्रैक्टर के चक्कों के निशान दिखाई दी। इस ट्रैक्टर के चक्कों के निशान के सहारे जनपद कर्मी इस गांव तक पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाकात की। नक्सल प्रभावित इस गांव में आजादी के बाद पहली बार कोई अफसर पहुंचा था। बीजापुर जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गीत सिन्हा अपने जनपद टीम के साथ इस गांव पहुंचे थे और उन्होंने ग्रामीणों के साथ मुलाकात की और ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। जिला प्रशासन की टीम को अपने बीच पाकर ग्रामीणों में खुशी उत्साह का माहौल दिखा। इस अवसर पर पीपीआईए दिव्या नेगी, तकनीकी सहायक तोरण लाल उर्वशा, सचिव रागिनी देवांगन, रोजगार सहायक प्रताप सेमल आदि शामिल रहे।
बुनियादी सुविधाएं होंगी उपलब्ध
बीजापुर जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस गांव की जनसंख्या 350 रही है। नियद नेल्लानार योजना के तहत हम डुमरी पालनार पहुंचे थे, ग्रामीणों से हमने मुलाकात की ग्रामीणों ने हमें अपनी समस्याएं बताई ग्रामीणों की मांग पर हेंडपंप खनन का कार्य किया जाएगा। इससे पहले यहां के ग्रामीणों को झिरिया का पानी मजबूरी वश पीना पड़ता था। वहीं यहां पर पुन: संचालित स्कूल का भी निरीक्षण किया गया। यहां पर आंगनबाड़ी केंद्र और अनाज संग्रहण केंद्र का निर्माण के लिए जगह का चिन्हांकन भी किया गया है। वहीं अधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों से हमारी मुलाकात सार्थक रही। जल्द ही ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।