रायपुर। जिले में रेत का पूरा काम अब ऑनलाइन होगा। इसके लिए विभाग का ऑनलाइन पोर्टल तैयार हो रहा है, जिसके बाद खदानों का टेंडर निकालना, आवेदन सहित सभी काम ऑनलाइन होंगे। इस ऑनलाइन पोर्टल में विभागीय अधिकारियों के नाम, संपर्क नंबर सहित विभाग से संबंधित अन्य जानकारियां भी होंगी। इसके साथ शिकायत के लिए ऑप्शन भी होगा, जिसके जरिए रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन सहित खदानों से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचना या शिकायत आम लोग कर सकेंगे। रेत खदान के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू होने से टेंडर की प्रक्रिया सरल होगी। इससे आवेदन करने वालों के साथ विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को टेंडर खोलने के दौरान होने वाली परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा। ऑफलाइन टेंडर के दौरान आवेदन फार्म भरकर जमा करना पड़ता है। इसके लिए आवेदन शुल्क भी लगता है, जिसका बैंक ड्राफ्ट बनाकर आवेदन के साथ देना पड़ता है। हालांकि आवेदकों से ज्यादा टेंडर खोलने के समय अधिकारी-कर्मचारी परेशान होते हैं। आवेदनों की छंटनी करना, समान बोली वाले आवेदनों को अलग करना और फिर आवेदनों की पर्ची लॉटरी के जरिए निकालना। 

इस पूरी प्रक्रिया में कभी 8 घंटे, तो कभी 12 से 16 घंटे तक का समय लग जाता है। ऑनलाइन होने के बाद सभी काम ऑनलाइन होंगे, जिससे आवेदकों के साथ अधिकारी-कर्मचारी भी ऑफलाइन टेंडर प्रक्रिया की परेशानी से बचेंगे। खदानों को ऑनलाइन करने के लिए पोर्टल तैयार करने का काम एक साल पहले से चल रहा है। पिछले साल फरवरी में रेत खदानों का टेंडर हुआ था। इन खदानों का टेंडर विभाग ऑनलाइन कराना चाहता था, लेकिन पोर्टल तैयार नहीं हो पाया। इस कारण रेत खदानों की टेंडर प्रक्रिया भी मैनुअल प्रणाली से की गई थी। सूत्रों के अनुसार,  विभाग के ऑनलाइन पोर्टल की तैयारी अब अंतिम चरण पर है। इसके बाद जो भी काम मैनुअल हुए, उनकी एंट्री ऑनलाइन की जाएगी। हालांकि विभागीय अधिकारी ऑनलाइन पोर्टल कब तक लांच होगा, इसकी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं।

जिले में 13 रेत खदानें, 5 को सीआ से मिली एनओसी

रायपुर जिले में 13 रेत खदानों को ठेके पर दिया गया है। सभी खदानों को ऑफलाइन टेंडर प्रक्रिया के जरिए ठेके पर दिया गया था। इनमें से 5 खदानों को सीआ से एनओसी मिल चुकी है, शेष खदानों के लिए प्रस्ताव भेजे गए हैं।

ऑनलाइन साफ्टवेयर

जिला खनिज विभाग के उप संचालक केके गोलघाटे  ने बताया कि, रेत खदानों का टेंडर देने की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए ऑनलाइन साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। इससे टेंडर की प्रक्रिया सरल होगी और समय भी बचेगा। सीआ से 5 खदानों को एनओसी मिल गया है।