डागेश यादव-आरंग। राजधानी रायपुर स्थित विधानसभा भवन के पीछे वन विभाग के कार्यालय और आवासीय परिसर से चंदन के पेड़ काटने और उसकी तस्करी का मामला सामने आया है। इससे विभाग को एक करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। मामले का खुलासा तब हुआ जब विभाग के चौकीदार ने इलाके का जायजा लिया। उसने देखा कि, दस एकड़ में फैले हुए वन क्षेत्र में करीब 25-30 पेड़ों की कटाई की गई है जिसकी कीमत 5-6 लाख रुपए है। 

हरिभूमि डॉट कॉम की टीम ने इलाके का दौरा किया तो मालूम चला कि, लकड़ी माफिया ने चंदन पेड़ों को काटकर उसकी तस्करी की। पेड़ों की कटाई के बाद वन विभाग ने उसे मार्किंग जरूर किया है लेकिन आरोपी नहीं पकड़े जा सके हैं। 

अधिकारी-कर्मचारी और तस्करों के बीच  सांठ-गांठ की संभावना 

गौरतलब है कि, यह इलाका विधानसभा थाना के रास्ते पर ही है और विधानसभा भवन के पास स्थित है। बावजूद इसके तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्होंने आरा मशीन से 25-30 पेड़ों की कटाई की है। इस मामले में कई सवाल उठ रहे हैं जैसे पॉश इलाके में चंदन तस्कर कैसे सक्रिय हुए। पेड़ों की कटाई एक दिन में तो नहीं हुई होगी ऐसे में विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी। संभावना जताई जा रही है कि, इस मामले में वन अधिकारी-कर्मचारी और तस्करों के बीच जरूर सांठ-गांठ होगी। क्योंकि, यह वन परिक्षेत्र विधानसभा थाना की सीमा से लगा हुआ है और पूरा कैम्पस 5-20 फूट की लोहे के एंगल और तार से घिरा हुआ है। यहां पर विभाग का कार्यालय और आवासीय परिसर भी है। सुरक्षा और निगरानी के लिए वन अधिकारी तैनात रहते हैं इसके बाद भी इतने सारे पेड़ों की कटाई और तस्करी का मामला गंभीर विषय है। 

विभाग मामले को गंभीरता से ले रहा है- प्रधान मुख्य वन संरक्षक

वहीं इस मामले को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनिल कुमार साहू ने कहा कि, विभाग इस मामले को काफी गंभीरता से ले रहा है। मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है। वहीं विधानसभा क्षेत्र से सी.सी.टी.वी फुटेज मंगाई गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।