रविकांत सिंह राजपूत- कोरिया। छत्तीसगढ़ कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में शुक्रवार की सुबह ED की टीम ने जनपद पंचायत के CEO राधेश्याम मिर्झा के ठिकाने पर छापेमारी की। राधेश्याम मिर्झा बैकुंठपुर के जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाउस में रह रहे हैं। अभी उनसे पूछताछ जारी है। माना जा रहा है कि उनसे DMF में गड़बड़ी को लेकर पूछताछ चल रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार तड़के दो गाड़ियों में पहुंची ED की टीम ने बैकुंठपुर के रेस्ट हाउस में पहुंचकर राधेश्याम मिर्झा को उठाया और जांच शुरू की। ED की जांच का कारण कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा में पोस्टिंग के दौरान श्री मिर्झा कार्यकाल में हुई अनियमितताओं को बताया जा रहा है।
तबादले के बाद भी नहीं लिया है चार्ज
जानकारी के मुताबिक, राधेश्याम मिर्झा पिछले 7 महीने से बैकुंठपुर जनपद पंचायत के CEO थे। हाल में ही उनका तबादला सूरजपुर की प्रतापपुर जनपद पंचायत में किया गया है। हालांकि उन्होंने अभी सूरजपुर में चार्ज नहीं लिया है। बैकुंठपुर से पहले वे सोनहत जनपद पंचायत के भी CEO थे। ED के अधिकारियों ने छापे को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है।
कांग्रेस शासनकाल में प्रभावशाली रहे राधेश्याम मिर्झा
बताया जाता है कि, राधेश्याम मिर्झा कांग्रेस शासनकाल में प्रभावशाली अधिकारी रहे हैं। कोरबा जिले की जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा में वे लगातार तीन साल तक रहे। यह राज्य की सबसे बड़ी जनपद पंचायत है, जहां 146 ग्राम पंचायतें हैं। पोड़ी-उपरोड़ा जनपद पंचायत में DMF का काम उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर हुआ है था।
मंडल संयोजक है मूल पद, लंबे समय से हैं सीईओ : कई लग्जरी गाड़ियों के मालिक
बताया जा रहा है कि DMF में अनियमितता को लेकर ये कार्रवाई हो सकती है। हालांकि पुख्ता तौर पर छापे की वजह सामने नहीं आई है। CEO राधेश्याम मिर्झा का मूल पद मंडल संयोजक का है, फिर भी वे कई लग्जरी गाड़ियों के मालिक हैं। रसूखदार होने के साथ ही वसूली को लेकर वे विवादों में रहे हैं। ED की टीम उनके निवास पर भी दस्तावेज खंगाल रही है।