आज गणेश चतुर्थी : सुमुख योग में विराजित होंगे विघ्नहर्ता, दोपहर में 2 घंटे 1 मिनट का समय सर्वाधिक फलदायी

रायपुर। भक्तों के विघ्न को हरने वाले गणपति आज विराजित होंगे। दिनभर में प्रतिमा स्थापना के लिए तीन भक्तों मुहूर्त को मिलेंगे। इसमें सर्वाधिक शुभ और फलदायी मुहूर्त अपरान्ह का बताया जा रहा है। इतना ही नहीं इस दिन कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है। इसमें रवि योग, ब्रह्म योग तथा सर्वार्थ सिद्धि योग शामिल है। चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3:01 मिनट पर लग गई है। चतुर्थी तिथि 7 सितंबर को शाम 5:37 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि उदयातिथि मान्य होती है, इसलिए गणेश चतुर्थी आज मनाई जाएगी। भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था, इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। शनिवार को गणपति बप्पा की पूजा और स्थापना का सबसे अच्छा मुहूर्त सुबह 11:03 से दोपहर 1:34 तक है।
इस दौरान आप बप्पा की स्थापना घर में कर सकते हैं। इसके अलावा इसी दिन दोपहर 12:34 से लेकर अगले दिन सुबह 6:03 तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। रवि योग शुक्रवार सुबह 9:25 बजे से प्रारंभ हो चुका है, जो शनिवार को दोपहर 12:34 तक रहेगा। इसके अलावा शनिवार को 11:15 पर ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का समापन रात 11 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसके बाद इंद्र योग का संयोग बनेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 34 मिनट के बीच भगवान गणेश की स्थापना की जाएगी। निर्मित हो रहे योगों के साथ इस बार सुमुख योग भी बन रहा है। एक साथ बन रहे इन मंगलकारी शुभ योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही भगवान गणेश की कृपा साधक पर बरसेगी।
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भद्रावास योग प्रातः 4.20 से
ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 7 सितंबर को प्रातः काल 4 बजकर 20 मिनट पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन संध्याकाल 5 बजकर 37 मिनट पर भद्रावास का समापन होगा। इस दौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों का कल्याण होता है। इस शुभ योग में भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सकल दुख एवं कष्ट दूर हो जाएंगे।
तृतीय मुहूर्त भी
गणेश चतुर्थी पर स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं। सुबह 7.36 से 9.10 तक प्रथम मुहूर्त मिलेगा। इसके बाद मध्यान्ह काल का मुहूर्त दोपहर 11.03 से 1.34 मिनट तक है, जिसे सबसे शुभ माना गया है। तीसरा शुभ मुहूर्त दोपहर 1.53 से दोपहर 03.27 तक रहेगा। तीसरा मुहूर्त द्वितीय मुहूर्त के 19 मिनट बाद ही प्रारंभ हो जाएगा। गणेश पुराण के मुताबिक गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याहन काल, यानी दिन के दूसरे पहर में हुआ था। 7 सितंबर को ये शुभ काल सुबह 11.20 बजे से शुरू हो रहा है, इसलिए मध्याहन काल में स्थापना करना श्रेष्ठ है।
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