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बस्तर के धूड़मारास गांव को यूएन में विश्व के 60 पर्यटन क्षेत्र में सबसे शानदार पर्यटन के रूप में चुना गया है। ऐसे में आइये जानते हैं, प्रकृति के बीच बसे इस बेहतरीन जगह के बारे में। 

जीवानंद हलधर- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर का नाम जहन में आते ही सबसे पहले नक्सलवाद आता था। लेकिन अब बस्तर का नाम पर्यटन के लिए जाना जाता है। यूएन में विश्व के 60 टूरिज्म क्षेत्र में यहां के धूड़मारास गांव को शानदर पर्यटन के रूप में चयनित किया है। जिसके बाद से ही विश्व पटल पर बस्तर छाया हुआ है। आइए जानते हैं, शानदर पर्यटन ग्राम धूड़मारास के बारे में। 

साल वनों का द्वीप कह जाने वाला बस्तर अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए पहचाना जाता है। बस्तर को करीब से जानने और देखने के लिए देश- विदेश हर साल बस्तर पहुंचते हैं। जब भी घुमने की बात होती है, तो बस्तर का ख्याल जरुर आता है। यूएन में विश्व के 60 टूरिज्म क्षेत्र में धूड़मारास गांव को शानदर पर्यटन के रूप में चयनित किया गया है। 

सैलानी लेते हैं बैंबू राफ्टिंग- कयाकिंग का मजा 

धूड़मारास गांव  कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आता है। यहां के स्थानीय  ग्रामीणों की आय को बढ़ाने और क्षेत्र को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए जिला प्रशासन ने बम्बू राफ्टिंग और कयाकिंग की शुरुआत की थी। जिसके बाद से ही इस सुंदर जगह पर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। पर्यटक यहां पहुंचकर खुद को आनंदित महसूस करते हैं। इसके साथ ही वे खुश होकर बैंबू राफ्टिंग और कायकिंग का मजा लेते हैं।  

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कयाकिंग का लुप्त उठाते हुए पर्यटक

होम स्टे में मिलता है बस्तरिहा व्यंजनों का स्वाद 

धूड़मारास गांव में आने वाले पर्यटकों का कहना है कि, यह जगह काफी सुन्दर है। इस इलाके का विकास किया जाना चाहिए। साथ ही सुरक्षा के लिये व्यवस्था की जानी चाहिए। ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक अपने परिवार के साथ इंजॉय कर सके। वहीं बात करे इस गांव में बने होम स्टे की तो इसे बेहद ही अद्भुत तरीके से बनाया गया है। जहां पर बाहर से आने वाले पर्यटकों को बस्तरिया भोजन का स्वाद चखने को मिलता है। प्रकृति की सुंदरता के बीच बसे इस सुंदर से गांव में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। 

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होम स्टे में मिलता है बस्तरिहा व्यंजन का स्वाद

विकसित बनाने के लिए यूएन की टीम करेगी दौरा 

बस्तर कलेक्टर ने बताया कि, इलाके को और विकसित बनाने के लिए राज्य और यूएन टीम के सदस्य इस जगह का दौरा करेंगे। ताकि इस सुंदर प्राकृतिक जगह को और भी विकसित किया जा सके। आदिवासी बाहुल्य बस्तर की पहचान अब पर्यटन के रूप में बनती जा रही है। बस्तर में चित्रकोट, तीरथगढ़ जलप्रपात समेत कई अनगिनत प्रसिद्द स्पॉट हैं। वहीं विश्व के मानचित्र में धूड़मारास गांव के शामिल होने से बस्तर का नाम और भी प्रसिद्ध हो गया है।

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