बिलासपुर। बिलासपुर मंडल के 100 साल से भी अधिक पुराने और सर्वाधिक जटिल भनवारटंक-खोडरी सेक्शन में परिचालन के लिए उचित संचार माध्यम का न होना दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए कई वर्षों से चुनौती रही है। डबल लाइन से युक्त इस सेक्शन में चढ़ाई, घने जंगल और अन्य कारणों से किसी भी प्रकार का ब्रेकडाउन होने की स्थिति में संचार का उचित माध्यम नहीं होने से पहली सूचना मिलने में लंबा समय लग जाता है।
वाई-फाई के जरिए की जाएगी वॉइस कॉलिंग
इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मंडल के संकेत और दूरसंचार विभाग द्वारा एक अनूठा पहल करते हुए इस सेक्शन में मौजूद भनवारटंक डाउन लाइन टनल के पास एक गुमटी में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिए वाई-फ़ाई कॉलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। मौजूदा समय में स्मार्टफोन में मोबाइल नेटवर्क न होने की स्थिति में भी वाई-फ़ाई के जरिए वॉइस कॉलिंग और अन्य प्रकार का संचार आसानी से संभव होता है। इसी तकनीक का उपयोग कर रेलवे ने अपने नेटवर्क को दुर्गम पहाड़ियों के बीच बेहद कम समय में सेक्शन के रेलवे कर्मचारियों द्वारा उपलब्ध इंजिनियरिंग गुमटी तक पहुंचाया और 15 दिन से भी कम समय में यहाँ पर हाई स्पीड नेटवर्क की स्थापना की।
अब वाट्सएप और अन्य एप के जरिए मिलेगी जानकारी
इस गुमटी में 30 मीटर के दायरे में जो की इस दुर्गम भनवारटंक-खोडरी सेक्शन के बीचों बीच डाउन लाइन में टनल के समीप स्थित है। वहाँ सीधे मोबाइल से संपर्क स्थापित किया जा सकता है न केवल वॉइस कॉलिंग बल्कि वाट्सएप और अन्य एप का उपयोग कर सीधे साइड से सभी जानकारी आसानी से साझा की जा सकती है। ब्रेकडाउन की जानकारी जल्दी मिलने से विफलताओं को त्वरित ठीक किया जा सकेगा। जिससे परिचालन को आसानी से सुचारु किया जा सकेगा।
बेहतर होगी रेलवे की सुविधा
इस सुविधा की उपलब्धता से इस सेक्शन से गुजरने वाली गाड़ियों की समयबद्धता बेहतर होगी और यात्रियों को होने वाली असुविधा में कमी आएगी। संकेत और दूरसंचार विभाग द्वारा किए गए इस अनूठे कार्य की मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय ने प्रशंसा की और इस काम में सम्मिलित अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया।