यहां हो सकता है बड़ा उलटफेर : जुबान पर कांग्रेस लेकिन रुझान में भाजपा को है बढ़त

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नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष और पार्षदों के लिए हुए मतदान के बाद उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में बंद हो गया है। लेकिन कुरुद निकाय में उलटफेर परिणाम आ सकते हैं। 

यशवंत गंजीर- कुरुद। नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष और पार्षदों के लिए हुए मतदान के बाद उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में बंद हो गया है। मतदान के बाद निकाय स्तर पर रुझान सामने आने लगे हैं, जो उम्मीदवारों के प्रदर्शन, जनता की पसंद और मतदान प्रतिशत के आधार पर तय हो रहे हैं। कांग्रेस की कड़ी टक्कर के बावजूद कुरुद नगर में भाजपा को बढ़त मिलती नजर आ रही है।

नगर पंचायत कुरुद में इस बार 82 .66 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान के बाद कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों, आम नागरिक और प्रतिद्वंदियों से बातचीत के बाद आ रही रुझानों में यहां बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनती दिखाई दे रही है।

तपन चंद्राकर नजर आ रहे ऑलराउंडर

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तपन चंद्राकर इस बार ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में नजर आ रहे हैं। उनका दावा है कि, इस बार वे किसी भी शर्त में चुनाव नहीं हार सकते। उन्होंने अपनी जीत का आंकड़ा 800 के करीब होने की बात कही है। जबकि भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्णकांत साहू ने आंकड़ा बताते हुए 800 से 1200 वोटों के अंतर से ज्योति चंद्राकर के चुनाव जीतने की बाते कही है। वहीं आम आदमी पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार के सम्बंध में बताया गया कि, उन्हें जितने वोट मिलने की उम्मीदें हैं वह उतना भी नहीं पाएंगे। साथ ही भाजपा-कांग्रेस के जीत-हार में उनका कोई ज्यादा दखल नही रहा है।

भाजपा-कांग्रेस दोनों में रही कड़ी टक्कर

अगर बात प्रत्याशियों की करें तो कोई भी यह नहीं कहेगा कि वह चुनाव हार रहा है। इसलिए इन दोनों को छोड़ आम चर्चा से जो बातें छनकर सामने आई है तो उस हिसाब से भाजपा का चुनावी कैम्पेन और मैनेजमेंट शुरू से लेकर अंतिम मतदान होते तक तगड़ी रही है। उन्होंने हर वार्ड के अपने समर्थक मतदाताओं को पोलिंग बूथ तक पहुंचाया है, जिसमें कांग्रेस की टीम कमजोर रही। चुनावी कैम्पेनिंग में भी तपन कहीं-कहीं अलग-थलग नजर आए।

कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की टक्कर

वहीं चुनाव के एक दिन पहले विधायक अजय चंद्राकर की सभा, नगर में हुए विकासकार्य को दृष्टिगत रख नये और बुद्धिजीवी वर्ग ने अंतिम समय में भाजपा के साथ चलना पसंद किया है। इन सब के बावजूद बहुत सारे लोगों ने तपन के सरल, सहज और मिलन सार स्वभाव के साथ उनके चरण वंदन नीति को देख उनके ही जीतने के दावे किए हैं। जिससे साफ पता चलता है कि दोनों में कड़ी टक्कर रही है। इसलिए अभी भी कांग्रेस समर्थकों के जुबान में तपन लेकिन नगर से छनकर आ रही जुबान में भाजपा की ही नगर सरकार बनते दिखाई पड़ रही है। अब किसके दावे और प्रतिदावे ठीक बैठते हैं। यह तो आने वाले 15 फरवरी को ही मतगणना परिणाम के बाद स्पष्ट हो पायेगा।

रुझानों के विपरीत भी हो सकते वार्डों के परिणाम

कुछ वार्डवासी, कुछ नगरवासी और कुछेक प्रत्याशियों से हुए बातचीत के आधार पर बात वार्डवार प्रत्याशियों की करें तो वार्ड क्रमांक 01 में भाजपा, 02 में कांग्रेस, वार्ड 03 में कांग्रेस-भाजपा में टक्कर, वार्ड 04 में कांग्रेस, वार्ड 05 में भाजपा, वार्ड 06 में भाजपा, वार्ड 07 में भाजपा-कांग्रेस में कड़ी टक्कर, वार्ड 08 में भाजपा, वार्ड 09 में भाजपा, वार्ड 10 में कांग्रेस, वार्ड 11 में भाजपा, वार्ड 12 में कांग्रेस- भाजपा के बीच टक्कर, वार्ड 13 में कांग्रेस, वार्ड 14 में कांग्रेस और वार्ड 15 में भाजपा के प्रत्याशी जीत रहे हैं। इस आधार पर भाजपा के 07 और कांग्रेस के 05 पार्षदों की जीत तय बताई जा रही है। वहीं तीन सीट ऐसी है जिस पर लोगों ने कुछ कह पाना संभव नहीं समझा है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों ने इन सभी पार्षद सीटों पर बात करते हुए आम चर्चा से उलटफेर परिणाम आने की बात कही है।

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