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नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में ओबीसी वर्ग का अरक्षण तय करने के लिए गठित पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग प्रदेश के दौरे पर है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में ओबीसी वर्ग का अरक्षण तय करने के लिए गठित पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग प्रदेश के दौरे पर है। बताया गया है कि आयोग ओबीसी के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक भागीदारी के अध्य्यन के बाद आरक्षण तय किया जाएगा। खास बात ये है कि निकाय एवं पंचायत क्षेत्र में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाएगा, लेकिन एससी और एसटी को मिलाकर इसकी आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।

छत्तीसगढ़ के पूर्व आईएएस आरएस विश्वकर्मा की अध्यक्षता में गठित आयोग ने रायगढ़, जशपुर, बलरामपुर, और अंबिकापुर क्षेत्र का दौरा पूरा करने के बाद मंगलवार को रायपुर वापसी की है। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में ओबीसी समुदाय के लोगों, संगठनों से मुलाकात साथ ही उनसे चर्चा की गई है। आयोग ये जानकारी भी जुटा रहा है कि ओबीसी वर्ग के कितने लोग शासकीय नौकरियों में है, कितने लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल रहा है।

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जनसंख्या के आधार पर आरक्षण

बताया गया है कि, आयोग हर निकाय एवं पंचायत क्षेत्र में ओबीसी की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की सिफारिश की जाएगी। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि किस निकाय या पंचायत क्षेत्र में ओबीसी की संख्या कितनी है। खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तक रखी जा सकती है। इस व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए निकायवार एवं पंचायतवार आरक्षण तय किया जाएगा। आयोग के दौरे में ओबीसी के लोग तथा संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जा रही है। इस सिलसिले में जोगी समाज ने आयोग से मिलकर मांग रखी है कि उन्हें एससी में शामिल किया जाए। मप्र सहित कुछ अन्य राज्यों में जोगी एससी में शामिल हैं।

माईक्रोलेवल पर क्या हुआ बदलाव

आयोग यह जानकारी जुटाने में लगा है कि राज्य में ओबीसी समुदाय के जीवन में माईक्रोलेवल पर क्या बदलाव हुए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में पिछड़े वर्ग की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति का अध्ययन, शासन के विभिन्न विभागो की संरचना एवं योजनाओं में पिछड़े वर्ग की भागीदारी की वर्तमान स्थिति का अध्ययन कर रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।

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अभी मिल रहे आरक्षण की स्थिति भी देखेंगे

इसी प्रकार राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं में पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को मिल रहे लाभों का अध्ययन। राज्य में पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का आंकलन तथा इसमें वृध्दि की उपाय, राज्य में पिछड़े वर्ग की युवाओं हेतु कौशल उन्नयन कार्यकमों तथा प्रशिक्षण के संचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा। पिछड़े वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक तथा सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक कल्याण हेतु अन्य उपाय तथा अनुशंसा भी की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य में त्रि-स्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व एवं आरक्षण के संबंध में अध्ययन कर रिपोर्ट से राज्य शासन को अवगत कराया जाएगा।

 

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