जगदलपुर/कोंटा। छत्तीसगढ़ का सबसे अंतिम कोने पर बसा है कोंटा, जहां से छत्तीसगढ़ की सीमा अन्य पड़ोसी राज्यों ओडिशा आंध्रप्रदेश और से मिलती है। क्षेत्र में पहले बार जादू टोना के आरोप में एक ही परिवार के 5 लोगों की जिस तरह से जघन्य हत्या हुई है, उसमें भी आंध्रप्रदेश और ओडिशा का कनेक्शन मिला है। गांव के मौसम परिवार पर लंबे समय से जादू टोना का संदेह तो रहा ही, वहीं अंदर ही अंदर ग्रामीणों में आक्रोश भी पनप रहा था।
एक निश्चित दिन मंगलवार को लगातार हो रही मौत के विषय में आक्रोशित ग्रामीणों ने पड़ोसी प्रांत के झाड़ फूंक करने वाले तांत्रिक (वड्डे) से संपर्क साधा और उनके यह कहने पर की गांव में जितने भी बच्चों से लेकर अन्य लोगों की मौतें हो रही है, उसके जिम्मेदार मौसम परिवार है जो जादू टोना करता है। पुलिस जादू टोना के विषय को लेकर लगातार पूछताछ करती रही और आखिरकार दोनों तांत्रिक को पूछताछ के लिए लाया गया।
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इनकी हुई गिरफ्तारी
हत्याकांड में पुलिस ने गुरुवार को 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूर्व में 1 महिला सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस निर्मम हत्याकांड में भारतीय न्याय संहिता छग धारा 4, 5 टोनही प्रताड़ना अधिनियम 2005 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। आज प्रकरण की विवेचना में चश्मदीद गवाह स्वतंत्र साक्षी एवं आरोपियों के मेमोरेण्डम के आधार पर घटना में शामिल अन्य 2 महिला, 2 तांत्रिक (वड्डे) सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायलय के समक्ष पेश किया गया। एएसपी अकाश राव ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि इस मामले में आज, कीकरा रमेश पिता कीकरा राजू (33), निवासी पल्लूरू कुणावरम जिला अल्लुरी सीतारामा राजू आंध्रप्रदेश, सुन्नम रामा पिता स्व. सुन्नम चंद्रा (55), कोंडापल्ली मोटू मलकानगिरी ओड़शिा, सलवम किट्टा स्व. सलवाम गुंडा (61), इतकल, कारम सुब्बा पिता स्व. कारम तमैया (49) इतकल, सलवम शांकरू पिता स्व. सलवम मुता (35) इतकल, पोड़यिम रोजा पति पोड़याम संतोष (24) इतकल तथा नुप्पो रामे पति नुप्पो जैलू (40) इतकल थाना कोंटा को गिरफ्तार किया गया है। घटना में शामिल अब तक 3 महिला सहित कुल 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
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सीधे-साधे ग्रामीण क्यों हो रहे हिंसक
नक्सल प्रभावित अतिसंवेदनशील क्षेत्र में सुकमा जिला शामिल है। उसमें सर्वाधिक प्रभावित कोंटा ब्लाक है। इतकल गांव के ग्राम पंचायत बंडा भी नक्सल दृष्टि से संवेदनशील पंचायत है। सलवा जुडूम के पहले इस गांव के बड़ी संख्या में युवाओं को नक्सलियों का समर्थक माना गया है। ऐसे में सीधे साधे ग्रामीणों का अचानक हिंसक हो जाना कई तरह के सवाल पैदा कर रहा है। पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन और राजनीतिक दलों के लिए भी यह सोचनीय विषय है। एक छोटे से गांव में मिलजुल कर रहने वाले अचानक उग्र होकर लाठी, डंडों की बारिश करते 5 लोगों को मौत की नींद सुला देना इस क्षेत्र के लिए साधारण वाक्या नहीं है। इस पर पुलिस जांच कर रही है।
पुलिस का सूचना तंत्र फेल
कोंटा विधायक कवासी लखमा ने बताया कि, काफी दिनों से एतकल गांव सुलग रहा था, लगातार मौत के बाद भी प्रशासन और पुलिस की भूमिका सही नहीं थी। घटना दिवस को दो बार बैठक और एक दिन पहले भी गांव में तनाव का माहौल था। इसकी खबर तक प्रशासन को नहीं है यह विचारणीय सवाल है। जवान को फोन से बुलाना और सीधे हत्या कर देना बड़ी घटना है। सरकार अपनी नाकामी से बच नहीं सकती। पुलिस का सूचना तंत्र फेल हो गया है।