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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने दिल्ली दौरे के दूसरे दिन भी केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर राज्य की विकास परियोजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं।

रायपुर। दो दिनों के दिल्ली दौरे पर गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं के साथ ताबड़तोड़ मीटिंग्स कर रहे हैं। बुधवार को अनेक केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद गुरुवार को भी सुबह से ही श्री साय केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही लोकसभाध्यक्ष ओम बिड़ला से भी मुलाकता कर चुके हैं। 

दोपह लगभग दो बजे श्री साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की। इस दौरान छत्तीसगढ़ में सड़क परियोजनाओं और आदिवासी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी पर श्री साय और श्री गड़करी के बीच चर्चा हुई। श्री गडकरी से मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ को अयोध्या तक सीधी कनेक्टिविटी, और नए राष्ट्रीय राजमार्ग का प्रस्ताव भी श्री साय ने रखा। उन्होंने केंद्रीय सड़क निधि के अंतर्गत 1,383 करोड़ के कामों को स्वीकृत करन का भी अनुरोध किया। 

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आदिवासी क्षेत्रों की कनेक्टिविटी पर चर्चा

बैठक में राज्य में चल रही सड़क परियोजनाओं और आदिवासी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने मंत्री गडकरी को इन परियोजनाओं की प्रगति और आवश्यकताओं से अवगत कराया। मंत्री गडकरी ने छत्तीसगढ़ में सड़क परिवहन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। 

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इन सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की रखी मांग

मुख्यमंत्री ने रायगढ़-धरमजयगढ़-मैनपाट-अंबिकापुर-उत्तरप्रदेश सीमा तक कुल 282 किमी तक के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कवर्धा-राजनांदगांव-भानुप्रतापपुर-अंतागढ़-नारायणपुर-गीदम-दंतेवाड़ा-सुकमा मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का आग्रह किया है। एनएच 130बी से 53 को जोड़ने वाले मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की मांग की। रतनपुर-लोरमी-मुंगेली-नांदघाट-भाटापारा-बलौदाबाजार मार्ग, केंवची-पेंड्रारोड-पसान-कटघोरा मार्ग, मुंगेली-नवागढ़-बेमेतरा-धमधा-दुर्ग-झलमला मार्ग, राजनांदगाँव-मोहला-मानपुर मार्ग, पंडरिया-बजाग-गाड़ासरई मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री ने रखा है।

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