आशीष कुमार गुप्ता - बतौली/सेदम। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत सुवारपारा में पिछले 5 साल पहले नल जल योजन के तहत पानी टंकी निर्माण का काम शुरू हुआ। इसके बाद से भी अब तक टंकी निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। पीएचई विभाग द्वारा नल जल योजना अंतर्गत 26 लाख का पानी टंकी बनाया जा रहा था जो ठेकेदारी प्रथा से चल रहा है। योजन के तहत निर्माण कार्य धीमी गति से चलने और पीएचई अधिकारियों की उदासीनता के कारण ग्रामीणों को गर्मी में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

निर्माणाधीन टंकी में बाँस और सेंट्रिंग प्लेट लटका हुआ

गौरतलब है कि, ग्राम पंचायत सुवारपारा में पिछले पांच वर्ष से पीएचई विभाग द्वारा 26 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा था जो ठेकेदार के लापरवाही से अब तक पूरा नहीं हुआ है। आज भी निर्माणाधीन टंकी में बाँस और सेंट्रिंग प्लेट लटका हुआ है । विभाग की लापरवाही के कारण अधूरा निर्माण कभी भी दुर्घटना ग्रस्त हो सकता है। इसके आस-पास  स्कूल और आंगनबाड़ी,जिसमें बच्चे पढ़ाने के लिए जाते है।  जिस पर खतरा बना हुआ है। यह पानी टंकी लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद अब तक शोपीस बनाकर रह गया है। पीएचई अधिकारियों की उदासीनता के परिणाम स्वरूप यह अधूरा निर्माण अपनी स्थिति बयां कर रहा है जबकि ठेकेदार शासकीय राशि का दुरुपयोग कर अधूरा निर्माण छोड़ भाग खड़ा हुआ।  

ग्रामीणों के लिए दोहरी समस्या 

बता दें कि, पीएचई विभाग द्वारा 26 लाख की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा था, जो ठेकेदार के लापरवाही से अब तक पूरा नहीं हुआ है। इसके बावजूद नए सिरे से पानी  टंकी निर्माण के लिए प्रशासन ने मंजूरी भी दे दिया। पीएचई विभाग खुलेआम शासकीय राशि का दुरुपयोग कर रहा है। पिछले पांच वर्ष से ग्रामीण जन पानी के लिए तरस रहे हैं। अब गर्मी के दिनों में ग्रामीणों के लिए दोहरी समस्या उत्पन्न हो गई है। पीएचई अधिकारी ने बताया कि, निर्माण कार्य की जानकारी मुझे नही है अधूरे कार्य को जल्द ही पूरा  किया जाएगा।