रायपुर। इलाज में लापरवाही कर महिला की मौत के लिए जिम्मेदार इंदिरा आईवीएफ सेंटर का लाइसेंस दो माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इन साठ दिनों  की अवधि में वहां किसी तरह की उपचार प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी। अप्रैल में हुई महिला की मौत के मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ ने यह बड़ी कार्रवाई की है।

पंडरी के इंदिरा आईवीएफ सेंटर के खिलाफ लगाए गए संगीन आरोप की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। स्त्री रोग, एनीस्थिसिया विशेषज्ञ के साथ नर्सिंग होम की नोडल अधिकारी ने मामले की जांच कर रिपोर्ट जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की दो थी, जिस आधार पर यह कार्रवाई की गई है। लापरवाही के लिए साठ दिनों के लिए लाइसेंस निरस्त किए जाने के बाद संस्थान में उस अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय गतिविधियों को पूरा नहीं किया जाएगा।

थाने का लगाते रहे चक्कर

पत्नी को खोने के गम में डूबा मनोज अपने रिश्तेदारों के साथ घटना के दूसरे दिन देर रात मोवा और देवेन्द्र नगर थाने के चक्कर लगाता रह गया था। काफी कोशिशों के बाद देवेन्द्र नगर थाने में मर्ग कायम कर जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। मामले में पुलिस स्तर पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई थी।

स्ट्रेचर में ओटी से बाहर निकली

राजनांदगांव के ग्राम लखौली में रहने वाली नीलम पति मनोज साहू वहां संतान सुख की आस में इलाज करा रही थी। 19 अप्रैल को नीलम ने अस्पताल में बैठे-बैठे अपनी सेल्फी ली थी, उसके बाद उसे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। कुछ घंटे बाद वह ओटी से स्ट्रेचर में बाहर लाई गई और परिवार वालों को बताया गया कि उसे मोवा के ममता नर्सिंग होम में रेफर किया जा रहा है। परिजन जब ममता नर्सिंग होम पहुंचे, तो डाक्टरों ने बताया कि नीलम की मौत हो चुकी है। इसके बाद दोनों अस्पतालों पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।

स्वीकारी थी गलती

घटना के दौरान बवाल मचने पर इंदिरा आईवीएफ प्रबंधन ने अपनी गलती मानी थी। उसने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इस पर दुख व्यक्त किया था और मामले की जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था। उसने तर्क दिया था कि सर्जरी के दौरान महिला मरीज के ब्लड प्रेशर में असामान्य गिरावट हुई थी।

पर्याप्त इंतजाम नहीं

सीएमएचओ डॉ. मिथिलेश चौधरी ने बताया कि, जांच में पाया गया कि इंदिरा आईवीएफ सेंटर में मरीजों की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किया गया था। महिला की हालत बिगड़ने पर उसे सही समय पर इलाज नहीं मिल पाया। संस्थान का लाइसेंस दो माह के लिए निलंबित किया गया है।