रायपुर। गर्भाशय की दुर्लभ एंडोवैस्कुलर बीमारी एवी मालफॉर्मेशन नामक बीमारी से पीड़ित महिला का उपचार कर आंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मातृत्व सुख प्राप्त करने में मदद की। उसके इलाज के लिए रेडियोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने एंडोवैस्कुलर गर्भाशय धमनी एम्बोलाइजेशन नामक इंटरवेशनल प्रोसीजर पूरा किया। चिकित्सकों के मुताबिक महिला को पिछले कई माह से अत्याधिक रक्तस्राव की समस्या हो रही थी, जिसके कारण उसका हीमोग्लोबिन काफी कम हो गया था। सक्ति जिले में रहने वाली महिला को उपचार के लिए बिलासपुर मेडिकल कालेज से आंबेडकर अस्पताल रेफर किया गया था।
आंबेडकर अस्पताल के स्त्री रोग विभाग की ओपीडी में उसकी विभिन्न तरह की जांच के बाद महिला की बीमारी का पता चला। समस्या के समाधान के लिए उसे रेडियोलॉजी विभाग भेजा गया। कलर डाप्लर सीटी स्कैन एवं एमआरई के बाद बीमारी की पुष्टि कर इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई। चिकित्सकों ने बिना चीरफाड़ के गर्भाशय धमनी एम्बोलाइजेशन (यूएई) प्रक्रिया द्वारा एवीएम में असामान्य रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर दिया। इस प्रक्रिया के आठ महीने बाद महिला गर्भवती हुई, उसने स्वस्थ जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। इस उपचार प्रक्रिया को डॉ. पात्रे के साथ डॉ. नोबल चंद्राकर, डॉ. राहुल ठाकुर, डॉ. प्रसंग, डॉ. जूही, एनेस्थेसिया से डॉ. प्रतिभा जैन शाह, टेक्नीशियन नरोत्तम और यशवंत साहू ने मिलकर पूरा किया।
ऐसे पूरी हुई प्रक्रिया
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. विवेक पात्रे ने बताया कि कमर के नीचे बेहोश करके दाहिनी जांघ के फिमोरल आर्टरी में एक पतली सी तार और कैथेटर डालकर पिन होल तकनीक से एवी मालफॉर्मेशन को खून सप्लाई करने वाली बायीं और दायीं धमनी को एम्बोलिक एजेंट डालकर बंद कर दिया गया। इससे मालफॉर्मेशन में खून का बहाव रुक गया और उसकी समस्या का समाधान हो गया।
जुड़वा बच्चों की मां बनने का सुखद अहसास
उपचार के बाद मातृत्व सुख प्राप्त करने वाली महिला ने कहा कि गर्भावस्था में विभिन्न प्रकार की तकलीफों के बाद भी मातृत्व सुख असीम आनंद देने वाला होता है और आंबेडकर अस्पताल के रेडियोलॉजी एवं प्रसूति रोग विभाग के डॉक्टरों के उपचार की मदद से मुझे भी मातृत्व सुख प्राप्त हुआ। इस बार मातृत्व दिवस मेरे लिए दो बच्चों के साथ बेहद सुखद अहसास लेकर आया है।