इमरान खान-नारायणपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारें स्लोगन तो बहुत अच्छा बनाती हैं, पर क्या काम भी धरातल पर वैसे ही हो रहे हैं? सुलभ इंटरनेट ने आजकल सुदूर वनांचल तक में हर ग्रामीण को पत्रकार बना दिया है। लोग अपनी संमस्याएं सरकार तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का अच्छा इस्तेमाल करने लगे हैं। इसी की एक बानगी देखने मिल रही है नारायणपुर जिले से।

‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ और ‘हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे’ जैसे स्लोगनों के बीच प्रदेश की जनता ने विकास की झलक पाने के लिए कितना लालायित है, इसकी बानगी इन दिनों ग्रामीण अंचल में मिली इंटरनेट की आज़ादी से ग्रामीणों के द्वारा बखूबी सामने रखी जा रही है। कांग्रेस और भाजपा की सरकार के विकास के दावे के बीच ग्रामीणों का बनाया यह वीडियो सरकार के कामकाज की हकीकत बयां कर रही है। 

सड़क पर कटाक्ष, बारिश में राशन का लोचा

इंटरनेट में कोई ग्रामीण अबूझमाड़ को जोड़ने वाली सड़क का वीडियो बनाकर सरकार की आलोचना कर रहा है, तो कोई बारिश के पूर्व चार माह का राशन देने के दावे के बीच उफनती नदी को पेट की आग बुझाने के लिए पार करता हुआ वीडियो बनाकर सरकार तक अपनी पीड़ा पहुंचाने की गुहार लगा रहा है। 

 डिजिटल युग में हर कोई पत्रकार 

ग्रामीणों की अभिव्यक्ति किसी मंझे हुए रिपोर्टर की रिपोर्ट से कम नहीं है। डिजिटल युग में अब अंतिम पंक्ति में खड़ा आदमी भी बीहड़ों के दर्द को साझा कर रहा है। इन लोगों की समस्याओं को दूर करने सरकार को संवेदनशील होने की जरूरत है।