Tree Felling Case: दक्षिणी दिल्ली के रिज इलाके में डीडीए द्वारा काटे गए 1100 पेड़ के मामले में आम आदमी पार्टी ने मोर्चा खोला है। आप नेताओं ने पार्टी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही उपराज्यपाल और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पर्यावरण से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
3 फरवरी को एलजी ने किया था रिज का दौरा
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले दो महीने से सुप्रीम कोर्ट बार-बार पूछ रही थी कि डीडीए ने किसके आदेश में गैरकानूनी तरीके से 11 पेड़ काटे, लेकिन अफसरों द्वारा इस बात को छुपाया जा रहा था। चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार, पीडब्ल्यूडी सेक्रेटरी समेत दिल्ली के बड़े-बड़े अफसर उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ 3 फरवरी को रिज इलाके के दौरे पर थे। इसके बावजूद किसी ने भी सुप्रीम कोर्ट ने ये बात नई बताई की एलजी साहब तीन फरवरी को वहां गए थे। इसके अलावा वहां के पेड़ों को काटने के आदेश एलजी द्वारा दिए गए।
एलजी के आदेश पर काटे गए 1100 पेड़
सौरभ भारद्वाज ने आगे कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट के सामने ये बात साफ हो गई है कि पेड़ काटने के आदेश एलजी द्वारा दिए गए। यह बात डीडीए की दो ईमेल के जरिए साफ हो गई। इसके अलावा इसमें एक और बड़ा षड्यंत्र सबके सामने आ गया है कि जिस तरह से उस सड़क की एलाइनमेंट चुनी गई। उन्होंने आरोप एलजी पर आरोप लगाया कि वहां पर फार्म हाउस वालों को फायदा पहुंचाने के लिए जंगल के पेड़ों का कटा गया। सौरभ ने आगे कहा कि इसमें भारी गड़बड़ी की गई है।
1100 पेड़ कटाई का क्या है मामला?
बता दें कि दक्षिणी दिल्ली के रिज में डीडीए द्वारा 1100 पेड़ों की अवैध कटाई की गई। इसको लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए से पूछा है कि क्या यह सभी पेड़ दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के मौखिक आदेश पर काटे गए थे?
इसके बाद को कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन की तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया था। 9 जुलाई को दिल्ली के तीन मंत्रियों वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने जहां डीडीए द्वारा लगभग 1100 पेड़ काटे गए वहां का दौरा किया। इसके बाद दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सड़क चौड़ी करने के नाम पर सैकड़ों पेड़ काटे गए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां सभी कामों पर रोक लगा रखी है और उसके बावजूद काम चल रहा है। इससे फार्महाउस और उनके मालिकों को बहुत फायदा हुआ और इसमें बड़े घोटाले की आशंका है।