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देश की राजधानी दिल्ली में इस साल कुछ ऐसी बड़ी घटनाएं सामने आई, जिससे शहर में दहशत का माहौल बन गया। कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जो इतिहास में पहली बार हुई हैं। पढ़िए पूरी खबर..

Year Ender 2024 Delhi: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के लिए साल 2024 बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। इस साल जहां अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा, वहीं कई बड़े नेताओं ने भी पार्टी का दामन छोड़ दिया। राजनीति से इतर भी कई बड़ी घटनाएं हुईं, जो कि सुर्खियों में छाई रहीं। अब नया साल आने में दो दिन शेष बचे हैं। तो चलिये बताते हैं कि 2024 की दिल्ली से जुड़ी बड़ी घटनाएं....  

1. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जेल जाना

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी पदस्थ मुख्यमंत्री को जेल जाना पड़ा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया। उस समय वह मुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत थे। उन पर आरोप लगाए गए थे कि केजरीवान ने शराब नीति बनाकर उससे रिश्वत देने वाली निजी कंपनियों को अतिरिक्त लाभ दिया और गोवा के चुनाव में 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया, जो कि अवैध रूप से लिए गए थे।

इस मामले में केजरीवाल के अलावा उनकी पार्टी के कई बड़े नेता भी जेल जा चुके हैं। इस मामले की जांच की सीबीआई और ईडी द्वारा जा रही थी। हालांकि 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। लेकिन अभी भी माना जा रहा है कि यह मामला खत्म नहीं हुआ है। अभी भी ईडी उनके ऊपर शिकंजा कसने का प्रयास कर रही है।

2. राजेंद्र नगर कोचिंग हादसा

साल 2024 में 27 जुलाई को एक बहुत ही दुखद हादसा हुआ, जिसने छात्रों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए गए। दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रह तीन छात्रों की मौत हो गई। मानसून में बारिश के समय राजेंद्र नगर स्थित राव कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में करीब 30 छात्र पढ़ाई कर रहे थे। भारी बारिश के दौरान अचानक से बेसमेंट में पानी भर गया। इसमें कुछ छात्र बेसमेंट में ही फंस गए और डूबने के कारण तीन छात्रों का मौत हो गई, जिसमें नेविन डॉल्विन, श्रेया यादव और तान्या सोनी शामिल थी। इस हादसे के बाद बहुत से छात्रों ने मिलकर कोचिंग सेंटर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।

हादसे के लिए जिम्मेदार कोचिंग सेंटर के बिल्डिंग मालिकों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद से सियासत बढ़ने लगी और छात्रों की सुरक्षा को लेकर बहुत से सवाल खड़े हो गए। अभी हाल ही में इस मामले में दिल्ली अग्निशमन विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने कोचिंग में गलत तरीके से चल रही लाइब्रेरी की जानकारी छुपाई थी।

3. डूसू चुनाव की मतगणना पर रोक

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) का चुनाव भी इस साल की यादगार घटनाओं में शामिल है। बता दें कि हाई कोर्ट ने डूसू चुनाव की मतगणना पर रोक लगा दी थी। यह फैसला चुनाव के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में फैलाई गई गंदगी और अराजकता की वजह से लिया गया था। कोर्ट ने आदेश दिया कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर की सफाई छात्र नेताओं के द्वारा कराई जाए। इसके बाद ही कोर्ट ने चुनाव की मतगणना की इजाजत दी थी। ऐसा पहली बार हुआ था, जब गंदगी और अराजकता के कारण चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने छात्र नेताओं को चेतावनी दी कि भविष्य में दोबारा इस तरह की घटनाएं न हों।

4. बम की फर्जी कॉल से शहर में दहशत

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2024 में मई के महीने से फर्जी कॉल और मेल के द्वारा कई जगहों पर बम होने की धमकी मिलने लगी। यह फर्जी कॉल साल के आखिर तक भी जारी रहे। मई में पहली बार दिल्ली के 200 से स्कूलों और संस्थानों में बम होने की फर्जी धमकी मिली। इसके बाद बहुत बार अलग-अलग समय पर जगहों जैसे अस्पतास, स्कूल और एयरपोर्ट में बम की धमकी मिलने लगी। यह धमकियां अधिकतर कॉल और मेल के जरिए मिलती थी। इस दौरान दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए और राजधानी की कानून-व्यवस्था को लेकर सियासत होने लगी, जो कि अभी भी जारी है।

5. शहर में लगातार गोलीबारी और रंगदारी की घटनाएं

इस साल दिल्ली में आपराधिक घटनाएं में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है। दिल्ली के अलग-अलग जगहों से बहुत सी ऐसी घटनाएं सामने आई, जिसमें खुलेआम गोलीबारी में कई लोगों की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन उसके बाद भी लगातार ऐसी घटनाएं जारी रहीं। जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टरों के नाम पर दिल्ली के बहुत से इलाकों में रंगदारी और वसूली के लिए गोलीबारी जैसी घटनाओं में बहुत इजाफा देखने को मिला।

रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अक्टूबर तक दिल्ली के 160 कारोबारियों को रंगदारी के लिए जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। दिल्ली पुलिस के भी आंकड़ों के अनुसार इस साल 15 अगस्त तक 133 वसूली के मामले सामने आ गए थे, जबकि साल 2022 में और 2023 में यह आंकड़े काफी कम थे। साल 2022 में 110 और 2023 में कुल 141 मामले ही दर्ज किए गए थे।

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