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AAM Aadmi Party Assets: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत दस शीर्ष दलों की संपत्ति का ब्यौरा साझा किया है। पढ़िये आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के पास कितनी संपत्ति है।

AAM Aadmi Party Assets: आम आदमी पार्टी नए साल से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारियों को तेज कर देगी। वर्तमान में आम आदमी पार्टी मंडल स्तरीय बैठकें और प्रकोष्ठ सम्मेलन करके लोगों तक पार्टियों की नीतियां से अवगत करा रही है। सूत्रों की मानें तो नए साल से जिला स्तर पर भी बड़ी रैलियों का आयोजन शुरू हो जाएगा। खास बात है कि आप पार्टी भी अन्य दलों की भांति लोगों से पार्टी के लिए चंदा एकत्रित करेगी ताकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हरा सके। आज की खबर में बताते हैं कि आम आदमी पार्टी, उन पार्टियों में शामिल हैं, जिसने कि वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में सबसे ज्यादा संपत्ति वाली पार्टी बनी है।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट बताती है कि वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में डीएमके, बीजेडी और जेडीयू की संपत्ति में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में डीएमके की संपत्ति में 244.88 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी प्रकार बीजेडी की संपत्ति में 143.92 और जेडीयू की संपत्ति 95.78 फीसद की दर से बढ़ी है। आम आदमी पार्टी की बात करें तो संपत्ति में 71.47 फीसद की दर से बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में आम आदमी पार्टी की संपत्ति 21.82 करोड़ रुपये थी, जबकि इसके अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में कुल संपत्ति 37.477 करोड़ रुपये हो गई।

बीजेपी और कांग्रेस के पास कितनी संपत्ति

एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी की संपत्ति 21.17 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2020-21 में बीजेपी की संपत्ति 4,990 करोड़ रुपये थी, जो 2021-22 में 6,046.81 करोड़ बताई गई है। इसके अलावा, कांग्रेस की संपत्ति में भी इजाफा हुआ है। कांग्रेस ने 2020-21 में 691.11 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी। इसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 में यह राशि 16.58 प्रतिशत की दर से बढ़कर 805.68 करोड़ रुपये हो गई।

सपा ने सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित की

समाजवादी पार्टी भी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। सपा की योजना है कि यूपी में लोकसभा सीटों पर मनचाही सीटें मिलती हैं तो ही इंडिया गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे। वहीं अगर सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बनती, तो सपा अकेले भी चुनाव लड़ सकती है। यही कारण है कि सपा ने पीडीए गठबंधन को भी मजबूत कर रही है। साथ ही, आर्थिक स्तर पर भी मजबूत हो रही है। सपा की बात करें तो यह ऐसी पार्टी है, जिसने सबसे ज्यादा संपत्ति होने की घोषणा की थी।

एडीआर के आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में सपा की संपत्ति 561.46 करोड़ रुपये थी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.23 फीसद की दर से कुल संपत्ति 568.369 करोड़ रुपये हो गई। भारत राष्ट्र समिति ऐसी दूसरी पार्टी थी, जिसने सपा के बाद खुद को सबसे ज्यादा संपत्ति वाली पार्टी घोषित की थी। भारत राष्ट्र समिति की संपत्ति 2020-21 में 319.55 करोड़ थी और 2021-22 में यह राशि बढ़कर 512.24 करोड़ रुपये हो गई।

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