AAP New Office: आम आदमी पार्टी को नया कार्यालय आवंटित कर दिया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी को नया कार्यालय अलॉट किया है। केंद्र सरकार ने बंगला नंबर-1, रविशंकर शुक्ला लेन, नई दिल्ली को आम आदमी पार्टी मुख्यालय के लिए अलॉट किया है। इससे पहले AAP कार्यालय का पता 206, राउज एवेन्यू, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, आईटीओ, नई दिल्ली था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था कार्यालय खाली करने का आदेश
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च ने आम आदमी पार्टी को 15 जून तक राउज एवेन्यू स्थित अपना कार्यालय खाली करने के लिए कहा था, क्योंकि यह जमीन दिल्ली न्यायपालिका को आवंटित है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट पहुंची और राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कार्यालय के लिए उचित जगह की मांग की।
इसके बाद आम आदमी पार्टी ने फिर सुप्रीम कोर्ट में समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया। आप के अनुरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी मुख्यालय को खाली करने की तारीख 10 अगस्त तक बढ़ा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी हिदायत दी कि यह आखिरी मौका है। इसके बाद कोई राहत नहीं मिलेगी।
केंद्र आप को नया कार्यालय अलॉट करे- हाईकोर्ट
इसके बाद हाईकोर्ट ने 5 जून, 2024 को केंद्र सरकार से आम आदमी पार्टी को नया कार्यालय आवंटित करने का आदेश दिया। इसके लिए हाईकोर्ट ने केंद्र को छह सप्ताह का समय दिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि आप यहां पार्टी कार्यालय के लिए जगह पाने की हकदार है।
कोर्ट जाने से पहले ही करना चाहिए था कार्यालय आवंटित- सौरभ भारद्वाज
आम आदमी पार्टी को नया कार्यालय आवंटित किए जाने पर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया सामने आई है। मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आप को उसके कार्यालय से बाहर निकालने और उसे सड़कों पर धकेलने, उसे रौंदने और खत्म करने का प्रयास किया जा रहा था। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्र ने नई दिल्ली में रविशंकर शुक्ला लेन के बंगला नंबर 1 में आप को नया कार्यालय आवंटित किया है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इसके लिए भी न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। हम स्वागत करते हैं कि न्यायालय के बार-बार निर्देशों के बाद भी केंद्र आप को कार्यालय आवंटित करने के लिए बाध्य हुआ, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्हें न्यायालय जाने से पहले ही कार्यालय आवंटित कर देना चाहिए था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह मामला पहली बार इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच को सूचित किया था कि एक राजनीतिक दल हाईकोर्ट की जमीन पर कब्जा करके बैठा है। जिसकी वजह से न्यायिक बुनियादी ढांचे के विस्तार में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई और नोटिस जारी किया। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने एक हलफनामा दायर कर कहा था कि यह प्लाट उसे 2015 में आवंटित किया गया था। अब 2023 लैंड एंड डेवलपमेंट का ऑफिस कह रहा है कि यह जमीन कोर्ट विस्तार के लिए निर्धारित की गई है।