MCD स्टैंडिंग कमेटी इलेक्शन के खिलाफ अपील: आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, दलील रखी- यह चुनाव अवैध

MCD Standing Committee elections: एमसीडी में हुए स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। आप ने इस चुनाव को असंवैधानिक बताया है।;

Update: 2024-09-29 06:32 GMT
MCD Standing Committee elections
दिल्ली की सीएम आतिशी।
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MCD Standing Committee elections: दिल्ली एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी इलेक्शन के खिलाफ आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पार्टी को ओर से एक अपील दायर किया गया है, जिसमें यह दावा किया है कि बीजेपी के एलजी वीके सक्सेना के आदेश पर एमसीडी में कानूनों को ताक पर रखकर असंवैधानिक रूप से स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य का चुनाव कराया गया है। इस मामले में आप ने सुप्रीम कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने कल यानी 28 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि एलजी ने एमसीडी में जो चुनाव कराए हैं, वह पूरी तरह से असंवैधानिक है, हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। आज आप ने अपील दायर कर दी है, अब उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार है। इस पर पूरी दिल्ली की नजर बनी होगी कि जीत आम आदमी पार्टी की होती है, या फिर बीजेपी की।

क्या है पूरा मामला?

बीते गुरुवार को दिल्ली एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव कराया जा रहा था। कांग्रेस ने पहले ही चुनाव से हाथ पीछे खींच लिया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी पार्षदों ने सदन में जमकर हंगामा हुआ। इस कारण से चुनाव नहीं हो सका और दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने सदन 5 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया और कहा कि चुनाव 5 अक्टूबर को कराए जाएंगे।

लेकिन दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने चुनाव बीती शुक्रवार को दोपहर 1 बजे कराने का आदेश दे दिया। इस पर आप भड़क गई और कहा कि एलजी के पास चुनाव कराने का अधिकार नहीं है, यह अधिकार दिल्ली की मेयर के पास है, इसलिए आम आदमी पार्टी इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।

आप-कांग्रेस ने नहीं लिया चुनाव में हिस्सा

ऐसे में स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में ना ही तो आम आदमी पार्टी ने हिस्सा लिया और ना ही कांग्रेस ने हिस्सा लिया और बीजेपी निर्विरोध चुनाव जीत गई। अब इसी के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और अपील किया है कि यह चुनाव असंवैधानिक है, इससे मान्यता नहीं मिलनी चाहिए। अब देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या रुख अपनाती है।

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