Delhi Elections: चुनाव नजदीक आते ही हर छोटा बड़ा नेता टिकट पाने का प्रयास शुरू कर देता है। कुछ को टिकट मिल जाती है, जबकि कुछ नेता टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ने की ठान लेते हैं। लेकिन, दिल्ली से अलग ही खबर सामने आ रही है। यहां आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पाण्डेय ने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि वे विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके इस ऐलान से आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का हैरान होना लाजमी है। 

दिलीप पाण्डेय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म अकाउंट X पर लिखा कि उनके राजनीति में बने रहने का कुल संतोष यही है कि उनकी सरकार के कारण बहुत सारे आम व गरीब लोगों का जीवन सरल हुआ है। हमारी सरकार के कारण बहुत से बच्चों की जिंदगी बेहतर होने की संभावनाएं भी प्रबल हुई हैं। बता दें कि दिलीप पाण्डेय दिल्ली के तिमारपुर से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं।

पार्टी में रहकर ही करेंगे काम

दिलीप पाण्डेय ने एक्स पर लिखा कि राजनीति में पहले संगठन निर्माण और चुनाव लड़ने के दायित्व को पूरा करने के बाद अब आम आदमी पार्टी में ही रहकर कुछ करने का समय आ गया है। उन्होंने केजरीवाल को लेकर कहा कि तिमारपुर विधानसभा से चाहे जो कोई भी चुनाव लड़े, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही बनेंगे और हम सभी दिल्लीवासी मिलकर यह सुनिश्चित भी करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि मेरे संबंधों की पूंजी मेरे साथ ही रहेगी। आगे उन्होंने कामना करते हुए कहा कि अगर आप में से कोई मुझसे संपर्क करे इस भरोसे को और भी मजबूत बनाए।

'गुलाबी खंजर' किताब के लोकार्पण का किया जिक्र

विधायक दिलीप पाण्डेय ने 'गुलाबी खंजर' किताब का जिक्र करते हुए कहा कि इसी महीने में हमारी आगामी किताब का लोकार्पण भी तय किया गया है। उन्होंने लोगों को लोकार्पण में आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि इस वह इसके समय, स्थान और तारीख की सूचना भी साथ शेयर करेंगे।

रामविलास गोयल ने लिया संन्यास

दिलीप पाण्डेय की चुनाव न लड़ने की घोषणा से पहले ही दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामविलास गोयल ने घोषणा करके बताया था कि वे चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। रामविलास गोयल दिल्ली के शाहदरा से आप के विधायक भी हैं। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा की जा सकती है। जिसके लिए सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में जुटकर चुनावी रणनीति बना रहे हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी कई सीटों पर अपने उम्मीदवार बदलने की सोच रही है। पिछले 10 वर्षों से दिल्ली में आप की सरकार सत्ता में है और वह इसे आगे भी जारी रखना चाहेंगे।

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