Delhi Politics: 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी बीच, दिल्ली की पॉलिटिक्स में अचानक से महिला नेताओं को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसका मुख्य कारण है कि आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को राज्यसभा के लिए नामित किया है। दूसरी तरफ, कांग्रेस पार्टी ने अलका लांबा को महिला कांग्रेस का चीफ बना दिया है। इन दोनों को मुख्य भूमिका दिए जाने के बाद चुनावी दंगल को काफी अहम माना जा रहा है। विपक्षी दलों की तरफ से चले गए दांव को लेकर बीजेपी की भूमिका भी अहम हो जाती है। बीजेपी के पास दिल्ली में मीनाक्षी लेखी का चेहरा प्रमुख है। आइए जानते हैं कि ये तीनों महिलाएं चुनाव में क्या खास रोल निभाने वाली हैं।
आप ने खेला बड़ा दांव
दरअसल, केजरीवाल सरकार ने राज्यसभा के लिए स्वाति मालीवाल को नामित कर बड़ा दांव चला है। स्वाति मालीवाल आप की पहली महिला नेता होंगी, जो संसद जाएंगी। यह कदम मोदी सरकार के नए महिला कानून बिल से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। ऐसे में स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी की ओर से इकलौती महिला सांसद बन जाएंगी। इसके साथ ही पार्टी ने अपने सभी वर्करों को यह भी मैसेज देने की कोशिश की है कि अगर आप अच्छा कार्य करेंगे तो आपकी सही भूमिका भी तय कर दी जाएगी।
स्वाति मालीवाल महिलाओं के अधिकारों की पैरवी करने व उनकी समस्याओं और शिकायतों का समाधान करने के लिए भी मुखर रही हैं। वे साल 2015 से महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी हैं। अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाने वाली स्वाति राज्यसभा में भी मुखर नजर आएंगी और उन्हें ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। वह आप की संस्थापक सदस्यों में से भी एक रहीं हैं।
अलका लांबा को दी बड़ी जिम्मेदारी
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अलंका लांबा को महिला कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया है। अलका लांबा कांग्रेस पार्टी में खास भूमिका निभाती रही हैं। अलका लांबा का राजनीतिक करियर 1994 में शुरू हुआ। उन्हें कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई में संयोजक का पद मिला। इसके बाद 1997 में अलका लांबा एनएसयूआई की अध्यक्ष बनीं। 2002 में कांग्रेस ने उन्हें भारतीय महिला कांग्रेस का महासचिव बनाया। इसके बाद अलका ने 2003 में बीजेपी नेता मदन लाल खुराना के खिलाफ चुनाव लड़ा। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
लांबा ने साल 2014 में कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़कर आप का दामन थाम लिया था। उन्होंने साल 2015 में आप के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने 2019 में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और फिर से कांग्रेस में शामिल हो गईं। 2020 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चांदनी से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली की राजनीति में प्रमुख चेहरा मीनाक्षी लेखी
अगर बात सत्तारूढ़ दल की जाए तो भारतीय जनता पार्टी के लिए दिल्ली की राजनीति में मीनाक्षी लेखी एक विश्वसनीय चेहरा हैं। वह 7 जुलाई 2021 से भारत की विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री हैं वह 17वीं लोकसभा में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की संसद सदस्य हैं। महिला सांसद के रूप में लेखी को काफी मजबूत चेहरा माना जाता रहा है। महिला वोटरों पर उनकी अच्छी पकड़ भी है। दिल्ली में विपक्षी दलों को टक्कर देने के लिए बीजेपी लेखी पर दांव लगा सकती है।
मीनाक्षी लेखी ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। साल 2010 में उन्हें तत्कालीन महिला विंग, बीजेपी महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई। लेखी को 2013 में पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। उन्होंने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के रूप में हाई-प्रोफाइल नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की। जुलाई 2016 में, उन्हें संसद में लोकसभा के विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।