Delhi Transgender Protest: आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसके चुनावी कैंपेन सॉन्ग ‘जेल के जवाब में हम वोट देंगे’ को चुनाव आयोग ने बैन कर दिया है। इसको लेकर अब मामला गरमा गया है। इस बीच दिलीप पाठक ने आप के कैंपेन सॉन्ग पर बैन लगाए जाने का विरोध किया और बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी पार्टी का कैंपेन सॉन्ग को बंद किया गया हो, लेकिन भाजपा के इशारे पर AAP के कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगा दी गई। इस दौरान उनके साथ 'आप' ट्रांसजेंडर विंग के भी कार्यकर्ता मौजूद रहे। पार्टी के आरोपोें पर इस बीच चुनाव आयोग ने बयान जारी किया है।
दिलीप पाठक ने चुनाव आयोग पर लगाए आरोप
दिलीप पाठक ने कहा कि बीजेपी ने साजिश के तहत आम आदमी पार्टी के सॉन्ग पर बैन लगाया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी हार के डर से बौखला गई है और अनाप शनाप काम करने लगी है। पूरे देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग पर रोक लगाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के इशारे पर आप के कैंपेन सॉन्ग पर बैन लगा दिया है। यह बीजेपी की हार सारे लक्षण हैं। देश के लोग समझ चुके हैं। जनता की बीजेपी की राजनीति के खिलाफ खड़े हैं।
'आप' ट्रांसजेंडर विंग ने चलाया अभियान
इस बीच 'आप' ट्रांसजेंडर विंग ने दिल्ली में 'जेल का जवाब वोट से' अभियान चलाया और पार्टी के कैंपेन सॉन्ग पर लगे कथित बैन का भी विरोध किया। इसके साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल से रिहा करने की मांग भी की। प्रदर्शन कर रहे ट्रांसजेंडर संजना साइमन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लोग सीएम अरविंद केजरीवाल की रिहाई की मांग करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं।
सीएम ने हमारे लिए बहुत काम किया। उन्होंने हमें बस में मुफ्त परिवहन की अनुमति दी। उन्हें गलत तरीके से जेल में डाला गया है। वह हमारे निर्वाचित नेता हैं। जब यह चुनाव से ठीक पहले हो रहा है, तो ऐसा लगता है यह एक साजिश है। देश में एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। हम केंद्र से अपील करते हैं कि वह दिल्ली की आवाज हैं। उन्हें रिहा किया जाए।
AAP के आरोपों पर चुनाव आयोग का बयान
इस बीच AAP के चुनावी कैंपेन सॉन्ग को बैन किए जाने के आरोप पर चुनाव आयोग ने जानकारी दी है। चुनाव आयोग ने पार्टी के इस चुनावी कैंपेन को केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 का उल्लंघन बताया है। इलेक्शन कमीशन ने इस गाने को लेकर 8 आपत्तियां बताई हैं। आयोग का कहना है कि हमारी ओर से इस गाने पर बैन नहीं लगाया गया है। इस कैंपेन में दूसरे दलों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें बिना तथ्यों के सत्ताधारी दल पर आरोप लगाए गए हैं।
इसके अलावा न्यायपालिका और पुलिस पर भी संदेह जताया गया है। आयोग ने कहा कि पार्टी को इस गीत को लेकर केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत निर्धारित विज्ञापन संहिता और प्रमाणन के लिए 24 अगस्त 2023 को जारी एक पत्र के माध्यम से प्रसारित आयोग के दिशा निर्देश/मानदंडों के अनुसार कुछ संशोधनों के साथ प्रस्ताव फिर से जमा करने के लिए कहा गया है।
आप ने बैन का लगाया आरोप
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने रविवार यानी 28 अप्रैल को दावा किया था कि चुनाव आयोग ने पार्टी के लोकसभा चुनाव प्रचार के कैम्पेन सॉन्ग पर बैन लगा दिया है। 2 मिनट के इस गीत को पार्टी की ओर से प्रचार के लिए रिलीज किया गया था। इस गीत को पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने लिखा था। उससे कहा गया है कि वह पार्टी के प्रचार में इस गाने का इस्तेमाल ना करे। इसको लेकर अब चुनाव आयोग ने जानकारी है। चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि इस गाने पर बैन नहीं लगाया गया है। इसमें कुछ शब्दों में संशोधन करने को कहा गया है।