Delhi PWD News: दिल्ली में यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है। ऐसे में अब दिल्ली के पीडब्ल्यूडी विभाग ने भी सड़कों की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेने का निश्चय कर लिया है। इस सिस्टम से सड़कों की हालत पर निगरानी रखी जाएगी। एक बार टेंडर फेल होने के बाद विभाग ने इसे दोबारा से जारी कर दिया है। इस व्यवस्था को अगले कुछ दिनों में शुरू किया जाएगा।
इस सिस्टम से सड़कों और सड़कों पर निगरानी रखी जाएगी। इससे सड़कों पर गड्ढे, सड़क के आसपास की हरियाली, डिवाइडर, स्पीड ब्रेकर और फुटपाथ की स्थिति पर नजर रखी जाएगी। अगर इनमें किसी तरह की कमी पाई जाती है, तो एआई की मदद से कमी को पकड़ा जाएगा और संबंधित विभाग को अलर्ट किया जाएगा। एक साल के लिए इसकी निगरानी निजी कंपनी द्वारा की जाएगी।
महीने में दो बार भेजी जाएगी रिपोर्ट
गड्ढों या फुटपाथ आदि में खराबी पर चित्रों के साथ जियो टैगिंग भेजी जाएगी, जिससे उनके स्थान का पता चलेगा। इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर बनाया जाएगा। निगरानी के लिए इस परियोजना में विभाग के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों को शामिल कर लिया गया है। एआई द्वारा महीने में दो बार अधिकारियों को सभी सड़कों की रिपोर्ट भेजी जाएगी।
एक साल में 2.60 करोड़ का खर्च
इस रिपोर्ट में सड़कों पर गड्ढे, फुटपाथ का रंग, डिवाइडर, स्पीड ब्रेकर या पेंट मार्किंग,ड्रेन कवर और सड़क लाइटों की कमी आदि की सूची भी शामिल होगी। कमियां पाई जाने पर संबंधित अधिकारी इस रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई करेंगे। बता दें कि अत्याधुनिक तकनीक से सड़कों की निगरानी के लिए एक साल में लगभग 2.60 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।
एक साल के लिए लागू प्रोजेक्ट
बता दें कि एआई से सड़कों की निगरानी के लिए 27 सितंबर तक निविदा जारी की गई थी, बाद में इस तारीख को बढ़ाकर नौ अक्टूबर कर दिया गया था। सॉफ्टवेयर आधारित इस योजना के तहत पीडब्ल्यूडी विभाग के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों को शामिल किया गया है। महीने में दो बार एआई सड़कों की रिपोर्ट अधिकारियों को भेजेगी और फिर उन कमियों को सुधारने के लिए संबंधित अधिकारी काम करेंगे। इस प्रोजेक्ट को एक साल के लिए लागू किया गया है। अगर इस योजना से दिल्ली की सड़कों में सुधार आता है, तो इस प्रोजेक्ट को एक साल से ज्यादा भी बढ़ाया जा सकता है।
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