मंगलवार को देश में नहाय-खाए के साथ महापर्व छठ का आगाज हो चुका है। आज से श्रद्धालुओं ने नहाय-खाए के साथ चार दिवसीय छठ की शुरुआत कर दी है। ऐसे में बहुत से लोगों ने यमुना के घाटों पर पहुंचकर महापर्व शुरू होने पर यमुना जी में डुबकी लगाई। हालांकि, हर साल की तरह इस साल भी यमुना में प्रदूषण होने के कारण हाल-बेहाल है। एक तरफ नदी के आसपास गंदगी के ढेर, तो दूसरी तरफ नदी में तैरते जहरीले झाग और बदबू ने लोगों को परेशान कर रखा है।
आस्था और परंपरा के अनुसार नहाय-खाए वाले दिन श्रद्धालु सुबह नदी के घाटों पर पहुंचकर डुबकी लगाते हैं। दिल्ली के छठवर्ती भी यमुना जी में स्नान करने और डुबकी लगाने के लिए पहुंचे। यमुना में बदबूदार पानी, गंदगी और जहरीला झाग है। ऐसे में लोग अपनी आस्था के कारण और परंपराओं को पूरा करने के लिए मजबूरन यमुना में स्नान कर रहे हैं।
यमुना का हालत देख परेशान छठवर्ती
नदी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु यमुना की हालत देखकर उदास नजर आए। उनका कहना था कि छठ से पहले यमुना की सफाई बहुत जरूरी है, लेकिन बीते कई सालों से यमुना का हाल लगातार खराब हो रहा है और उन्हें मजबूरन यमुना में स्नान करना पड़ता है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यमुना में स्नान करने से स्वास्थ्य पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इसके कारण वे अपने घर के आसपास कृत्रिम घाट बनाकर छठ का महापर्व मनाएंगे।
सोसायटियों में, मोहल्ले आदि में लोगों ने मिलकर घाटों का निर्माण किया है और पूजा कर खुशी से और सुरक्षित तरीके से त्योहार मनाएंगे। बता दें कि जो लोग छठ घाटों पर नहीं जा पाते, वो अपने घर की छत पर एक बड़े से टब में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। आज से नहाय-खाए के साथ छठ के त्योहार की शुरुआत हो चुकी है और 7 नवंबर को प्रात: सूर्य अर्घ्य देकर महापर्व का समापन किया जाएगा।
कालिंदी कुंज में बद से बदतर हैं यमुना के हालात
एक तरफ दिल्ली सरकार का दावा है कि दिल्ली में 1000 से ज्यादा छठ घाट बनाए गए हैं और छठ के त्योहार पर दिल्ली के किसी श्रद्धालु को परेशानी न हो, इसके लिए सुरक्षा, साफ-सफाई आदि का उचित प्रबंध किया गया है। हालांकि, धरातल की तस्वीर कुछ और ही कह रही हैं। दिल्ली में कालिंदी कुंज इलाके में यमुना के हालात इस कदर खराब हैं कि वहां पर यमुना के पानी पर बर्फ की चादर की तरह जहरीला झाग तैरता नजर आ रहा है।
सालों से केजरीवाल सरकार यमुना को साफ करने के लिए दावे और वादे करती आई है। इसके बावजूद हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। इस बात को लेकर राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। दिल्ली सरकार का कहना है कि यमुना में यूपी की फैक्ट्रियों से आने वाले केमिकल के कारण प्रदूषण बढ़ा है और हवा में हरियाणा के किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली के कारण प्रदूषण बढ़ा है। दोनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।
इस मामले में भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार हवा और नदी में होने वाले प्रदूषण से निपटने में नाकामयाब है और इसका ठीकरा भाजपा सरकार और पड़ोसी राज्यों पर फोड़ रही है।
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