Arvind Kejriwal Back From Vipassana: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली की शराब नीति को लेकर ईडी के रडार पर हैं। वह आज विपश्यना ध्यान केंद्र से बाहर निकले हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 10 दिन की विपश्यना साधना के बाद आज वापस लौटा। इस साधना से असीम शांति मिलती है। नई ऊर्जा के साथ आज से फिर जनता की सेवा में लगेंगे।

ईडी ने इकट्ठा किए सबूत

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरने के लिए हाई-प्रोफाइल बैठकों, व्हाट्सएप चैट और कॉल सहित सबूत इकट्ठा किए हैं। ऐसा तब हुआ जब ईडी ने केजरीवाल को तीन महीने में तीन बार इस साल 2 नवंबर और 21 दिसंबर और 3 जनवरी, 2024 को तलब किया। केजरीवाल ने पहले दो समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हुए नजरअंदाज कर दिया। 21 दिसंबर को उनकी अनुपस्थिति का कारण विपश्यना ध्यान केंद्र में उनकी भागीदारी बताई गई थी।

ईडी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने कथित शराब नीति घोटाले में शामिल व्यक्तियों के साथ साजिश रची थी, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा भी स्वतंत्र रूप से की जा रही है। अप्रैल में सीबीआई ने उनसे करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी। 
दूसरी ओर, उनके नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने भी 1 दिसंबर को एक अभियान चलाया, ताकि जनता की राय जान सकें कि क्या केजरीवाल को जेल से शासन करना चाहिए या गिरफ्तार होने पर इस्तीफा देना चाहिए। 

जानिए दिल्ली शराब घोटाले के बारे में

दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा जुलाई 2022 में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपने के बाद दिल्ली शराब नीति घोटाला सामने आया। रिपोर्ट में तत्कालीन उत्पाद शुल्क मंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा नीति निर्माण में प्रक्रियात्मक खामियों और मनमाने व एकतरफा फैसले का आरोप लगाया गया था। इसमें दावा किया गया कि इस नीति के कारण सरकारी खजाने को वित्तीय नुकसान हुआ, जबकि कुछ आप नेताओं-मंत्रियों को रिश्वत मिली। सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग पहलू की जांच की। इस मामले में आप के दो वरिष्ठ नेता, सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पहले ही जेल जा चुके हैं।