Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर बुधवार, 3 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती दी है। केजरीवाल ने अंतरिम राहत मांगी। इससे पहले मंगलवार, 2 अप्रैल को ईडी ने केजरीवाल की याचिका पर जवाब दाखिल किया है। जिसमें कहा कि केजरीवाल, शराब घोटाले के किंगपिन और प्रमुख साजिशकर्ता हैं। केजरीवाल के जरिए शराब नीति घोटाला केस में मनी लॉन्ड्रिंग की गई। मनी लॉन्ड्रिंग की रकम से जुटाए गए 45 करोड़ रुपए गोवा विधानसभा चुनाव में खर्च किए गए। यह सभी आरोप प्रवर्तन निदेशालय के हैं।
सिंघवी बोले- गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य अपमानित करना
केजरीवाल की तरफ से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट विक्रम चौधरी मौजूद हैं। वहीं, ईडी तरफ से एएसजी एसवी राजू पैरवी कर रहे हैं। सिंघवी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य अपमानित करना है। अक्षम करना है। ईडी ने उन्हें बिना किसी पूछताछ, बयान या सबूत के गिरफ्तार किया है।
सिंघवी ने कहा कि लेवल प्लेइंग को ध्यान में रखते हुए यह एक अति महत्वपूर्ण केस है। इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव शामिल है, जो लोकतंत्र का हिस्सा है। केजरीवाल की गिरफ्तारी से सुनिश्चित हो गया है कि वे लोकतांत्रिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाएंगे। पहला वोट डाले जाने से पहले केजरीवाल और उनकी पार्टी को अलग-थलग करने की कोशिश की गई है।
सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया। उन्होंने ईडी से पूछा कि क्या अरविंद केजरीवाल के भागने की आशंका थी? क्या उन्होंने डेढ़ साल में किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की? क्या उन्होंने पूछताछ करने से इनकार कर दिया?
कोई राजनीतिक शख्स चुनाव से पहले मर्डर करे ताे क्या अरेस्ट नहीं होगा?
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी की ओर से दलील दी। एसवी राजू ने कहा कि अपराधियों को अपराधियों का गिरफ्तार कर जेल में डाला जाना चाहिए। अंडर ट्रायल कैदी को यह कहने का कोई हक नहीं है कि हम अपराध करेंगे और हमें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि चुनाव नजदीक है। यह पूरी तरह से हास्यापद है। मान लीजिए अगर कोई राजनीतिक शख्स चुनाव से पहले मर्डर करेगा तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उसकी गिरफ्तारी से चुनाव को नुकसान होगा।
ईडी ने सबूत के आधार पर अरेस्ट करने का दावा किया
केजरीवाल के वकील की ओर से बिना किसी सबूत की गिरफ्तारी के बारे में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमने इस मामले में मनी ट्रेल का पता लगा लिया है। ईडी ने इस दलील को भी दरकिनार किया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी इस मामले में पहले गिरफ्तार हो चुके मनीष सिसोसिदया और दूसरे आप नेताओं के बयान पर की गई है। ईडी ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने रिश्वत की रकम स्वीकार की। यह 100 करोड़ रुपए या उससे कुछ कम हो सकती है। हमारे पास हवाला ऑपरेटर्स के व्हाट्स एप्प चैट और मैसेजेस हैं। कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर 4 अप्रैल यानी की गुरुवार तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया है। केजरीवाल को अपना जवाब लिखित में सौंपने का निर्देश दिया है।
आतिशी का दावा- केजरीवाल का घटा साढ़े 4 किलो वजन
वहीं, मंत्री आतिशी ने दावा किया कि 21 मार्च को गिरफ्तार किए जाने के बाद से अरविंद केजरीवाल का वजन 4.5 किलोग्राम कम हो गया है। केजरीवाल को तिहाड़ जेल की जेल नंबर 2 में 14X8 फीट की सेल में रखा गया है। पिछले कुछ दिनों से उनके ब्लड शुगर के लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहा है। एक समय यह 50 से भी नीचे चला गया था। उनके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में लाने के लिए उन्हें दवाएं दी गई हैं।
मुख्यमंत्री को दोपहर और रात के खाने में घर का बना खाना परोसा जा रहा है और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जेल अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने किसी भी आपात स्थिति के लिए केजरीवाल के सेल के पास क्विक रिस्पांस टीम भी तैनात है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताई सच्चाई
केजरीवाल की हेल्थ को लेकर तिहाड़ जेल प्रशासन ने बयान जारी किया है। बताया कि 1 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की दो डॉक्टरों द्वारा जांच की गई और सभी महत्वपूर्ण चीजें सामान्य थीं। साथ ही जेल आने से लेकर आज तक उनका वजन 65 किलोग्राम पर ही बना हुआ है। घर का बना भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
23 मार्च को केजरीवाल ने दाखिल की थी याचिका
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने यह जवाब केजरीवाल की याचिका के जवाब में कोर्ट में दाखिल की है। अरविंद केजरीवाल ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी चुनौती देते हुए 23 मार्च को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। ईडी के जवाब पर केजरीवाल की पार्टी आप ने बीजेपी के इशारे पर एजेंसी पर काम करने का आरोप लगाया है। आप ने कहा कि ईडी झूठ बोल रही है।
जानिए शराब घोटाले की अहम बातें
- ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि आम आदमी पार्टी शराब घोटाले से हुई कमाई का प्रमुख लाभार्थी थी। यह घोटाला अरविंद केजरीवाल के माध्यम से किया गया।
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से दिल्ली शराब पॉलिसी केस में घोटाला किया।वह सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं। अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर घोटाले में शामिल थे।
- जांच एजेंसी ने जवाब में कहा कि यह नीति साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले फायदे को ध्यान में रखते हुए तैयार की जा रही थी और विजय नायर, मनीष सिसौदिया और साउथ ग्रुप के सदस्यों के प्रतिनिधियों की मिलीभगत से बनाई गई थी।
- ईडी ने कहा कि AAP ने अरविंद केजरीवाल के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया है और इस प्रकार अपराध धारा 70, PMLA 2002 के अंतर्गत आते हैं।
- आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली शराब घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी है। अरविंद केजरीवाल आप के मास्टरमाइंड थे। बल्कि इसकी प्रमुख गतिविधियों को भी नियंत्रित करते हैं। गवाहों के बयानों से स्पष्ट है कि वह आप के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और पॉलिसी के निर्णय लेने में भी शामिल थे।
- 27 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। ईडी को केजरीवाल की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
- सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और सह आरोपी से अप्रूवर बने राघव मगुंटा और सरथ रेड्डी द्वारा दिए गए बयानों के जवाब में ईडी ने आरोप लगाया कि आप नेता ने उन्हें लाभ देने के बदले में साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की।
- 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल ने इस आधार पर अपनी रिहाई की मांग की है कि गिरफ्तारी अवैध थी। वर्तमान में वे तिहाड़ जेल में बंद हैं।
- दिल्ली में शराब पॉलिसी 2021-22 के लिए बनाई गई थी। जिसके तहत सरकार शराब कारोबार से हट गई थी। पूरा कारोबार प्राइवेट सेक्टर के हाथों में चला गया था। हालांकि बाद में पॉलिसी को रद्द कर दिया गया।
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