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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि अडानी समूह द्वारा उन पर दिल्ली की बिजली व्यवस्था अडानी को सौंपने के लिए दबाव डाला गया था।

Arvind Kejriwal on Adani: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में गुरुवार को एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि उन पर दिल्ली की बिजली व्यवस्था को अडानी समूह को सौंपने का दबाव बनाया गया था। उन्होंने दावा किया कि उनके इस कदम को नकारने के कारण ही उन्हें राजनीतिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा और उन्हें जेल में डाल दिया गया।  

अडानी समूह पर रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोप

इस मुद्दे पर 20 नवंबर 2024 को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अडानी समूह ने दिल्ली के बिजली क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इसे रोक दिया। संजय सिंह ने अमेरिकी अभियोजकों के आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि अडानी समूह ने सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (लगभग 2,100 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना बनाई थी।  

दिल्ली की जनता को बचाने का फैसला

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने विधानसभा में कहा, मुझ पर दबाव था कि दिल्ली की बिजली अडानी को दे दूं। लेकिन मैंने दिल्ली की जनता के हित में फैसला लिया और ऐसा नहीं होने दिया। यही वजह हो सकती है कि मुझसे नाराज होकर मुझे जेल में डाला गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा दिल्ली के लोगों को सस्ती और बिना बाधा के बिजली सेवा देने का प्रयास किया है और किसी कॉरपोरेट समूह के दबाव में झुकने से इनकार किया है।  

अमेरिका में अडानी पर लगे आरोपों का जिक्र

अडानी समूह पर अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि उसने सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई थी। इस पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा, यह सिर्फ एक व्यक्ति या समूह का मामला नहीं है। यह पूरे देश की छवि को प्रभावित करता है। ऐसे गंभीर आरोपों पर जांच और जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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दिल्ली में बिजली वितरण मॉडल पर चर्चा

दिल्ली सरकार की ओर से इस मुद्दे को जनता के सामने लाने की बात कही जा रही है। संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल सरकार का बिजली वितरण मॉडल पूरे देश में एक मिसाल है। अडानी समूह के प्रवेश को रोककर दिल्ली सरकार ने जनता के हितों की रक्षा की। हालांकि, इस मुद्दे पर विपक्ष ने पलटवार करते हुए केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह जनता का ध्यान भटकाने के लिए अडानी का नाम ले रहे हैं। भाजपा नेताओं ने केजरीवाल से इस मामले पर सबूत पेश करने की मांग की।

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