Arvind Kejriwal : शराब घोटाला मामले में जेल से बाहर आते ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। उनका दावा है कि वो अगले दो दिन में सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। साथ ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अगले साल फरवरी की जगह इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव कराने की मांग कर दी है। आज 15 सितंबर को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर मैं ईमानदार हूं तो मुझे वोट देना, आप जब चुनाव में जीता दोगे तभी मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी बैठूंगा।
केजरीवाल ने कहा कि इस्तीफा इसलिए दे रहा हूं क्योंकि बीजेपी ने मुझ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। आज मैं अग्नि परीक्षा के लिए तैयार हूं। वहीं आदमी पार्टी ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 के बजाय नवंबर 2024 में ही कराने की मांग की है।
समय से पहले क्यों चुनाव चाहती है AAP
ऐसे में सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने की मांग क्यों की है? मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 तक है। लेकिन आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से महाराष्ट्र, झारखंड के साथ-साथ दिल्ली में एक साथ विधानसभा चुनाव कराने की मांग की है, ताकि जनता जल्दी फैसला ले पाए। हालांकि, विधानसभा भंग को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। 6 महीने से कम समय रहने पर चुनाव आयोग चाहे तो चुनाव करवा सकता है।
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इमोशनल ग्राउंड के आधार पर
केजरीवाल का पद से इस्तीफा देने और नवंबर में चुनाव कराने की मांग के पीछे जनता के बीच इमोशनल जुड़ाव कर लाभ लेना की योजना है। दिल्ली की राजनीति के जानकारों का कहना है कि अभी चुनाव होते हैं तो उसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिल सकता है, क्योंकि फिलहाल अरविंद केजरीवाल को लेकर वोटरों के बीच में इमोशनल ग्राउंड तैयार है। चुनाव में अगर नया जनादेश मिलेगा तो नए सिरे से सरकार बनेगी। इसके बाद पार्टी के नेता इसे नैतिक जीत बताएंगे।
बीजेपी का ध्यान भटकाने का कोशिश
महाराष्ट्र और झारखंड के साथ अगर दिल्ली में भी चुनाव होते हैं तो बीजेपी ज्यादा फोकस नहीं कर पाएगी। वैसे भी मौजूदा समय में दिल्ली में बीजेपी मजबूत स्थिति में है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी राजधानी की 7 सीटों पर एक बार फिर से जीत हासिल करने में सफल रही है। इसलिए यह कहना दिल्ली में बीजेपी की स्थिति कमजोर है, ठीक नहीं है। ये अलग बात है कि केजरीवाल सीएम के इस्तीफे की घोषणा के बाद जनता का इमोशनल झुकाव AAP की तरफ हो सकता है।
दूसरे मुद्दे हावी होने से बचना
AAP ने इसलिए भी नवंबर में चुनाव कराने की मांग की है ताकि अगले साल के इंतजार में बीच में कोई दूसरा मुद्दा हावी न हो। केजरीवाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर जरूर आए थे, लेकिन स्वाति मालीवाल केस ने आम आदमी पार्टी का खेल बिगाड़ दिया, जबकि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी थी। नतीजा ये निकला बीजेपी सभी सीट पर बाजी मारने में सफल रही और इंडिया गठबंधन का दिल्ली में खाता तक नहीं खुला।
2019 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल तीन बार से लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। उनका पहला कार्यकाल मात्र 49 दिन का था। केजरीवाल पहली बार 28 दिसंबर, 2013 में मुख्यमंत्री बने थे। तब आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई थी जो कि मात्र 49 दिन चली थी। इसके बाद हुए विधानसभा में आम आदमी पार्टी दिल्ली की 70 में से 67 सीट जीतने में सफल रही और 14 फरवरी, 2015 को केजरीवाल दूसरी बार सीएम बने। 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की और केजरीवाल तीसरी बार सीएम बने।
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