Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली में अगले महीने 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में चुनावी जंग शुरू हो गई है। ये सभी राजनीतिक पार्टियां जनता से बड़े-बड़े वादे करके अपनी ओर आकर्षित करने में जुटी हुई हैं और अपनी जीत का दावा ठोक रहे हैं।

अब दिल्ली की जनता को तय करना है कि वे इस बार दिल्ली की सत्ता किसके हाथ में देना चाहते हैं। इस बार दिल्ली में कुल लगभग 1.55 करोड़ वोटर्स हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां लगातार दिल्ली की महिलाओं के साथ झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली आबादी, मिडिल क्लास के लोग और युवा वोटरों को अपनी ओर लुभाने की कोशिश कर रही हैं।

ये 15 प्रतिशत वोटर तय करेंगे चुनाव का माहौल

रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के 15 प्रतिशत वोटर चुनाव का माहौल तय करते हैं, जो कभी बीजेपी को पसंद करते हैं और कभी केजरीवाल को वोट देते हैं। बता दें कि दिल्ली में पिछले कुछ लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नतीजों और आंकड़ों के विश्लेशण से सामने आया कि दिल्ली में करीब 15 प्रतिशत स्विंग वोटर हैं। ये वोटर्स कभी बीजेपी को अपना समर्थन देते हैं, तो कभी झाड़ू का बटन दबाकर 'आप' को वोट देते हैं।

कुछ महीने पहले बीजेपी ने दिल्ली में लोकसभा की सभी 7 सीटों पर जीत का परचम लहराया था। इस बार बीजेपी के पास इन वोटरों को अपने पास रोकने की चुनौती होगी। जबकि आम आदमी पार्टी कोशिश करेगी कि वह इन वोटर्स को अपनी ओर वापस खींच ले। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद भी अगले विधानसभा चुनाव में 'आप' ऐसा करने में कामयाब रही थी।

क्या था पिछले चुनाव का हाल?

दिल्ली में पिछले विधानसभा चुनाव में 'आप' को करीब 54 फीसदी वोच मिले थे, जबकि बीजेपी को 38 फीसदी से अधिक वोट मिले थे। इसके अलावा कांग्रेस को सिर्फ 4 फीसदी वोट ही मिल पाए थे। वहीं, इसके बाद पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में पूरी तरह से बाजी पलट गई थी। इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 54 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि गठबंधन में लड़ने वाली आप को 24 फीसदी और कांग्रेस को करीब 19 फीसदी वोट का समर्थन मिल पाया था। हैरानी की बात यह है कि पिछले तीन विधानसभा चुनावों से ऐसा ही देखने को मिल रहा है। राजधानी के अंदर वोटरों का एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो केंद्र के लिए मोदी को और दिल्ली की सरकार के लिए केजरीवाल को अच्छा मानते हैं।

स्विंग वटोर्स को रोकना बीजेपी के लिए चुनौती

इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होगी कि जिन लोगों ने कुछ महीने पहले ही लोकसभा चुनाव में कमल का बटन दबाकर बीजेपी को अपना सम्थन दिया था, उन्हें दूसरी पार्टियों की ओर जाने से कैसे भी करके रोक जाए। बीजेपी काफी समय से दिल्ली की सत्ता से दूर है। पार्टी अपनी ओर से पूरा जोर लगा रही है, जिसके लिए वह दिल्ली की बदहाली, गंदे पानी, यमुना प्रदूषण और शीशमहल जैसे कई बड़े मुद्दों पर 'आप' को घेरने में लगी हुई है।

दिल्ली के ज्यादातर वोटर्स फ्री की योजनाओं के लिए केजरीवाल की सरकार का चुनाव करते हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने ऐलान कर दिया है कि इस उनकी सरकार भी फ्री की सभी योजनाओं को जारी रखेगी। अगर बीजेपी दिल्ली के स्विंग वोटरों को अपने पक्ष में रोक लिया, तो चुनाव के नजीजे बिल्कुल अलग होंगे।

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