Delhi News: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने सोमवार को एक पत्र के साथ मुख्य सचिव को सीवर और पानी को लेकर 42 विधायकों से आई शिकायतें भेजी और उन्हें निर्देश दिया इन सभी समस्याओं का 15 मार्च तक समाधान हर हालत में किया जाए। दरअसल, दिल्ली में सीवर ओवरफ्लो, दूषित पानी और पाइपलाइन लीकेज की समस्याओं को लेकर विधायकों ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष को अपनी शिकायतें सौंपी थी।
जल मंत्री ने मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा कि दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों द्वारा सीवर ओवरफ्लो, दूषित जल और पाइपलाइन लीकेज से संबंधित मुद्दे बार-बार उठाए गए हैं। दिनांक 9 मार्च को भी कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपनी शिकायतें भेजीं। दिल्ली में ये मुद्दा इतना गंभीर बन चुका है कि विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 280 के तहत चर्चा रद्द कर दी, ताकि दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सके। दिल्ली में जल प्रदूषण और सीवर ओवरफ्लो से जुड़ी समस्याएं इतनी गंभीर हो गई हैं कि लोगों को दयनीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
8 मार्च की भी भेजी थी 80 शिकायतें
बीते दिनों भी जल मंत्री आतिशी ने जल बोर्ड से संबंधित 80 शिकायतों को मुख्य सचिव को भेजा था। आज इन सभी शिकायतों के आलोक में जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को कड़े शब्दों में निर्देश देते हुए कहा है कि, मुख्य सचिव द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें भेजी गई सभी शिकायतों को 15 मार्च तक हल किया जाए, साथ ही इनके दीर्घकालिक समाधान भी सुनिश्चित किया जाए।
हर शाम 6 बजे तक भेजी जाए शिकायतों की प्रोग्रेस रिपोर्ट
जल मंत्री आतिशी ने निर्देश देते हुए कहा कि मुख्य सचिव इन शिकायतों के समाधान की प्रोग्रेस रिपोर्ट हर शाम 6 बजे तक जल मंत्री की भेजे साथ ही 15 मार्च को विधानसभा सदन में प्रस्तुत करने के लिए मुख्य सचिव 14 मार्च तक इन सभी समस्याओं की एक विस्तृत प्रोग्रेस रिपोर्ट भी जल मंत्री को सौंपे। जल मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव की 15 मार्च को विधानसभा के विशेष सत्र में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के निर्देश भी दिए।
विधानसभा में शिकायतों से संबंधित पारित हुआ था एक प्रस्ताव
विधानसभा में जल बोर्ड से जुड़ी शिकायतों को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया था कि पानी और सीवरेज के मुद्दों से संबंधित विधायकों द्वारा उठाई गई सार्वजनिक शिकायतों के समाधान के लिए मुख्य सचिव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार हैं। प्रस्ताव में मुख्य सचिव को सभी शिकायतों के समाधान के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है और इस सप्ताह के दौरान मुख्य सचिव को दैनिक रिपोर्ट जल मंत्री को देनी होगी।