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पहलवान बजरंग पूनिया ने नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) द्वारा निलंबित करने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने पूनिया की याचिका पर एजेंसी जवाब मांगा है।

NADA vs Bajrang Punia: नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) द्वारा पहलवान बजरंग पूनिया को कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेने से पहले निलंबित कर दिया था। नाडा के निलंबन को बजरंग पूनिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। पूनिया की याचिका पर आज बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई की। हाई कोर्ट ने इस मामले में नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) से जवाब मांगा है।

पूनिया की याचिका पर कोर्ट ने नाडा से मांगा जवाब

दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने आज बुधवार को पहलवान बजरंग पूनिया को नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) द्वारा निलंबन को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई की। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव नरूला कर रहे हैं। उन्होंने नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) को पूनिया की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

दिल्ली हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पहलवान बजरंग पूनिया की ओर वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि विश्व चैम्पियनशिप नजदीक और पूनिया को प्रैक्टिस करनी है। ऐसे में उन्हें परेशान किया जा रहा है। इसके साथ कोर्ट ने पूनिया से टेस्टिंग के लिए सैंपल जमा करने से इनकार करने पर पूछा कि यदि टेस्ट नहीं कराएंगे तो वह आपको खेलने क्यों देंगे।

नाडा ने बजरंग पूनिया को दूसरी बार किया निलंबित

बता दें कि नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी ने बजरंग पूनिया को 21 जून को दूसरी बार निलंबित किया था और औपचारिक 'नोटिस ऑफ चार्ज' जारी किया, जिससे वह ट्रेनिंग और कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने के लिए अयोग्य हो गए। इसके बाद उन्होंने नाडा के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी।

23 अप्रैल को किया था पहली बार निलंबित

वहीं, इससे पहले बजरंग पूनिया को नाडा ने पहली बार 23 अप्रैल को निलंबित किया था, क्योंकि उन्होंने 10 मार्च को सोनीपत में आयोजित सेलेक्शन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए अपने यूरिन का सैंपल देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद यूनाइटेड रेसलिंग वर्ल्ड ने भी बजरंग पूनिया को निलंबित कर दिया था।

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