Delhi Matka Satta: भारत में सट्टा कारोबार तेजी से पांव पसार रहा है। कहीं क्रिकेट के नाम पर, तो कहीं चुनावों के नाम पर, लोगों से सट्टा खिलवाया जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में सट्टा कारोबार 3 लाख करोड़ से ज्यादा का है। लॉटरी की बात करें तो भारत में कई राज्यों में इस पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन सट्टा हर राज्य में अवैध माना जाता है। बावजूद इसके इस कारोबार पर नकेल नहीं कसी जा सकी है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां भी कई सट्टा बाजार हैं, जहां रोजाना कई नंबर खोले जाते हैं। आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने दिल्ली में सट्टा बाजार के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ा था। इनके बारे में बताने से पहले बताते हैं कि मटका सट्टा और लॉटरी में क्या अंतर है।
मटका और सट्टा एक तरह का जुआ
मटका सट्टा और लॉटरी में अंतर मटका और सट्टा, एक तरह का जुआ है। इसमें लोग नंबर पर दांव लगाते हैं। जिनका नंबर खुल जाता है, उसे रुपये मिलते हैं। कहीं राशि दस गुणा करके दी जाती है, वहीं कुछ राज्यों में यह राशि 90 गुणा तक बढ़ाकर दी जाती है। इसके अलावा, अलग-अलग विकल्प भी दिए जाते हैं, जिसमें मुनाफा कम मिलता है, लेकिन 10 गुना लाभ मिलना तय है।
लॉटरी पर भी कई राज्यों में बैन
भारत सरकार ने लॉटरी को रेगुलेशन एक्ट 1988 के तहत मान्यता दी गई है। इसके तहत राज्य सरकार लॉटरी को चला सकती है या उसके द्वारा रजिस्टर्ड डिस्ट्रीब्यूटर भी लॉटरी खिला सकते हैं। पंजाब, केरल, असम, मध्य प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड और मेघालय जैसे कई राज्यों में लॉटरी पर बैन नहीं है, लेकिन हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में लॉटरी खिलाने पर भी प्रतिबंध है। लेकिन, सट्टा हर राज्य में प्रतिबंधित है।
दिल्ली में सट्टे और लॉटरी के खिलाफ चला था आंदोलन
राजधानी दिल्ली में सट्टे और एक अंक वाली लॉटरी के खिलाफ नब्बे के दशक में बड़ा आंदोलन चलाया गया था। यह आंदोलन बीजेपी नेता विजय गोयल ने शुरू किया था। उनके इस आंदोलन के चलते लॉटरी पर प्रतिबंध लगा था। इस आंदोलन के चलते विजय गोयल का सियासी कद भी बढ़ा था।
विजय गोयल चांदनी चौक से सांसद चुने गए और अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के कार्यकाल में मंत्री का भी कार्यभार संभाला। खेल मंत्रालय से लेकर संसदीय कार्य, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री समेत कई जिम्मेदारियां निभाई हैं। दिल्ली में एक नंबर की लॉटरी पर प्रतिबंध लगाने में विजय गोयल का ही योगदान था।
(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। इसमें जीत-हार की कोई गारंटी नहीं होती है। सट्टा किंग में पैसे लगाना जोखिमों के अधीन है। ऐसे में किसी भी प्रकार के सट्टा या जुआ में रकम लगाने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करें। उपरोक्त लेख केवल जानकारी के लिए है, हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है)