देशभर में 26 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। चूंकि जन्माष्टमी में चंद ही दिन शेष बचे हैं, लिहाजा लड्डू गोपाल को धार्मिक यात्रा पर ले जाने की तैयारियां भी शुरू हो चुकी होंगी। किसी ने लड्डू गोपाल को मथुरा, गोकुल और वृंदावन ले जाने की तैयारी कर रखी होगी, तो किसी ने गुजरात के द्वारका मंदिर की यात्रा का प्लान बना रखा होगा। दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की सेवा बच्चे की तरह की जाती है। श्रीकृष्ण भक्त बाल गोपाल को समय से जगाने और समय से सुलाने के साथ ही बाहर भी घुमाने ले जाते हैं। यही नहीं, समय-समय पर उन्हें भोग भी लगाते रहते हैं।

अगर आप बाल गोपाल को दिल्ली एनसीआर के धार्मिक स्थलों की सैर कराने जा रहे हैं, तो आपको यहां के ऐसे रेस्टोरेंट और ढाबों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि अपने शुद्ध सफेद मक्खन वाले पराठों के लिए फेमस हैं। साथ ही, ये भी बताएंगे कि लड्डू गोपाल को मीठे के साथ नमकीन खिलाया जा सकता है या नहीं। तो चलिये सबसे पहले यही बताते हैं कि लड्डू गोपाल को भोग लगाने के नियम क्या हैं।

लड्डू गोपाल को नमकीन व्यंजनों का भोग लगाने के नियम

ज्योतिषों का कहना है कि लड्डू गोपाल की सेवा बच्चे की तरह होती है। लड्डू गोपाल को किसी भी व्यंजन का भोग लगा सकते हैं, लेकिन व्यंजन शाकाहारी और शुद्ध होने चाहिए। व्यंजन में प्याज और लहसून का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। साथ ही, कोई ऐसी भी चीज नहीं होनी चाहिए, जो कि सात्विक नहीं है।

अब आप सोच रहे होंगे कि अगर दिल्ली एनसीआर में लड्डू गोपाल को घुमाने ले गए तो ऐसी जगह कौन सी हैं, जहां खाना पूरी तरह से सात्विक होगा। तो आपकी इस उलझन को दूर करते हैं और दिल्ली एनसीआर के ऐसे रेस्टोरेंट और ढाबों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि अपने शुद्ध मक्खन वाले पराठों के लिए देश विदेश तक फेमस हैं। चूंकि दिल्ली वाले भी पराठों के शौकीन हैं, तो आप भी लड्डू गोपाल के प्रसाद का भी पूरा आनंद लेंगे। नीचे जानिये कौन सी हैं वो जगह, जहां मिलते हैं शुद्ध मक्खन के पराठे...

अमरीक सुखदेव ढाबा

मुरथल स्थित अमरीक सुखदेव ढाबा अपने शुद्ध सफेद मक्खन वाले पराठों के लिए फेमस।

सोनीपत के मुरथल गांव में कई ऐसे फेमस रेस्टोरेंट हैं, जो कि अपने शुद्ध मक्खन वाले पराठों के लिए खासे फेमस हैं। अमरीक सुखदेव ढाबा के पराठे खाने के लिए तो दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। यहां मलाईदार सफेद मक्खन से भरा पराठा देखते ही मुंह से पानी आ जाता है। खासकर यहां का पनीर मिसिया पराठा खासा फेमस है। अगर आप लड्डू गोपाल को यहां के मक्खन से भरे पराठों का भोग लगाएंगे, तो निश्चित ही वे प्रसन्न होंगे और आप पर कृपा बरसेगी। यह दिल्ली से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां आप कार, बस या टैक्सी से भी पहुंच सकते हैं। यहां दो लोगों के खाने का औसत खर्चा 400 रुपये है।

हवेली ढाबा मुरथल

हवेली में सफेद मक्खन के साथ परोसे जाने वाले आलू के पराठों का स्वाद लेने दूर दूर से लोग पहुंचते हैं।

मुरथल स्थित हवेली ढाबा भी शुद्ध सफेद मक्खन वाले पराठों के लिए फेमस है। यहां के आलू पराठे का स्वाद लेने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। साथ ही, अमरीक सुखदेव ढाबा की तरह यहां भी सभी व्यंजनों की शुद्धता पर पूरा ध्यान देते हैं। ये ढाबा भी 24 घंटे खुला रहता है। यहां आप लड्डू गोपाल को उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय शुद्ध शाकाहारी व्यंजनों का भोग भी लगा सकते हैं। यहां दो लोगों के खाने का औसत खर्चा 500 रुपये के आसपास है। अगर आपने हवेली के पराठों का स्वाद नहीं चखा, तो कम से कम एक बार लड्डू गोपाल को यहां के पराठों का स्वाद अवश्य कराइयेगा।

सफेद मक्खन वाले पराठों के लिए अन्य फेमस रेस्टोरेंट

मुरथल में गुलशन ढाबा, महारानी संगम ढाबा, मुरथल पराठा किंग समेत कई ऐसे ढाबे हैं, जहां आप कान्हा जी को सफेद मक्खन वाले पराठों का भोग लगा सकते हैं। चूंकि यहां ज्यादातर ढाबों में कई कमर्शियल दुकानें और झूले लगे हैं, लिहाजा आप कान्हा जी के लिए खरीदारी करने के साथ ही उन्हें राइड भी करा सकते हैं। हमारा दावा है कि लड्डू गोपाल के साथ मुरथल की यात्रा आपको आनंद से भर देगी।