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Delhi Politics: वन टाइम सेटलमेंट स्कीम मुद्दे पर चर्चा के लिए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कल यानी गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस मीटिंग में बीजेपी शामिल नहीं हुई। अब इसको लेकर आप और बीजेपी के बीच जुबानी जंग शुरु हो गई है।

All Party Meeting of AAP: दिल्ली में पानी बिल माफी यानी वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का मुद्दा इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। इस मामले पर चर्चा के लिए कल गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कांग्रेस की तरफ से दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और पूर्व मंत्री हारून युसूफ मीटिंग में शामिल हुए। लेकिन भारतीय जनता पार्टी इस मीटिंग से दूरी बनाए रखी। इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री दफ्तर की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को भी निमंत्रण भेजा गया था, हालांकि मीटिंग का एजेंडा ना मिलने का हवाला देते हुए भाजपा ने इस सर्वदलीय मीटिंग का बहिष्कार कर दिया। इस पर अब बीजेपी और आप के बीच जुबानी जंग शुरु हो गई है। 

दिल्ली सीएम ने बीजेपी पर साधा निशाना

बीजेपी को मीटिंग ने शामिल न होने पर आम आदमी पार्टी को निशाना साधने का मौका मिल गया। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि भाजपा का सर्वदलीय बैठक में शामिल न होना यह दिखाता है कि वो दिल्ली के लाखों लोगों को राहत देने वाली वन टाइम सेटलमेंट स्कीम के खिलाफ है। हमें भाजपा को दिल्ली की जनता के सामने एक्सपोज करना चाहिए, क्योंकि वो बहुत गंदी राजनीति कर रही है। सीएम ने कहा कि अगर इस बैठक में भाजपा के कोई सुझाव होते तो हम जरूरत लेते। सीएम ने स्कीम के बारे में बताया कि हमारा आकलन है कि वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू होने से लगभग 90 फीसदी लोगों का बिल माफ हो जाएगा। लेकिन दिल्ली सरकार को दिल्ली जल बोर्ड को सब्सिडी का पैसा देना होगा। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड के पास राजस्व आ जाएगा।

क्या बोली कांग्रेस 

सीएम ने कहा कि सर्विसेज केंद्र सरकार के पास है, इसलिए उनका अफसरों पर दबाव है। कुछ अफसरों ने हमें बताया कि हमें धमकी दी जा रही है, हमारी नौकरी चली जाएगी। इसलिए अब इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जाना पड़ेगा। यह बहुत बड़ा मुद्दा है। वहीं, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि दिल्ली के लोगों को राहत देने में किसी भी पार्टी को बुनियादी तौर पर कोई कमजोरी या अनिच्छा नहीं दिखानी चाहिए। हम बैठक में तार्किक चर्चा के आधार पर कुछ नतीजे पर पहुंच सकते थे, लेकिन बीजेपी इस मीटिंग में शामिल नहीं।

बीजेपी बोली घोटालों से ध्यान भटकाना चाहते हैं सीएम 

दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने इस मीटिंग को लेकर आप सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बढ़े हुए पानी के बिल वायु-प्रवाह जल मीटर लगाने के कारण आए हैं। केजरीवाल भ्रष्टाचार के घोटालों से नागरिकों का ध्यान हटाने के लिए जल बिल निपटान योजना की आड़ में गंदी राजनीति खेल रहे हैं। बढ़ा हुआ बिल केजरीवाल सरकार द्वारा वायु-प्रवाह जल मीटर लगाने से पैदा हुई समस्याओं का परिणाम है। बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल को पिछले 9 वर्षों में डीजेबी के घोटालों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की चुनौती दी। हम उन सर्वदलीय बैठकों में भाग लेंगे। 

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16 लाख उपभोक्ताओं पर है बकाया है बिल

बता दें कि पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार ने राजधानी के लोगों को उपयोग पैटर्न के आधार पर पुनर्गणना की गई काफी कम राशि का भुगतान करने के बाद लंबित पानी के बिलों का भुगतान करने की अनुमति देने की योजना की घोषणा की। डीजेबी के 27 लाख उपभोक्ता हैं, जिनमें से 16 लाख ने बढ़े हुए बिल मिलने के बाद अपना बकाया नहीं चुकाया है। इसके पीछे का मुख्य कारण कोरोना संकट के समय बिना पानी के मीटर की रीडिंग के बिल भेज दिए गए थे। लंबे समय से बिल बकाया होने से सरचार्ज जुड़ता चला गया। इससे लोग परेशान हैं। उनकी परेशानी दूर करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना घोषित की गई थी।

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