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BJP Delhi Government: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली में अपने कैबिनेट गठन में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का खास ध्यान रखा है। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा ने राजधानी की सामाजिक संरचना को समझते हुए हर बड़े वर्ग और समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया है, जिससे आगामी चुनावों में भाजपा को बड़ा फायदा मिलने के आसार हैं।

रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर वैश्य समाज पर दांव

भाजपा ने सबसे बड़ा दांव वैश्य समाज से आने वाली रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर खेला है। यह फैसला न सिर्फ व्यापारिक वर्ग को खुश करने वाला है, बल्कि भाजपा की परंपरागत वोटबैंक को भी और मजबूत करेगा। व्यापारिक तबके में भाजपा की जड़ें पहले से ही गहरी हैं, और यह कदम इसे और पुख्ता करेगा। इसके साथ ही महिला नेतृत्व देने से महिलाओं का झुकाव भी पार्टी की ओर बढ़ेगा।

जाट और गुर्जर समाज को साधने की रणनीति

दिल्ली के ग्रामीण बाहरी इलाकों में जाट और गुर्जर समाज के मतदाता बड़ी संख्या में हैं। इस समुदाय को साधने के लिए भाजपा ने प्रवेश वर्मा को मंत्री बनाया है। प्रवेश वर्मा की जाटों की राजनीतिक पकड़ बहुत मजबूत है और भाजपा इस वर्ग को अपने पाले में बनाए रखना चाहती है। उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को हराया है।

सिख समुदाय को साधने के लिए दो मंत्री

दिल्ली की राजनीति में पंजाबी (सिख) समुदाय का बहुत बड़ा प्रभाव है, खासकर कारोबारी तबके और पश्चिमी दिल्ली में। इस वोटबैंक को साधने के लिए भाजपा ने मनजिंदर सिंह सिरसा और आशीष सूद को कैबिनेट में शामिल किया है। इससे यह साफ हो गया है कि भाजपा पंजाबी वोटरों को अपनी ताकत बनाए रखना चाहती है।

अनुसूचित जाति को भी मिला प्रतिनिधित्व

दिल्ली में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है। इनमें से अधिकतर मतदाता आम आदमी पार्टी के समर्थक माने जाते हैं। भाजपा ने दलित समुदाय के मतदाताओं को लुभाने के लिए रविंद्र इंद्राज सिंह को मंत्री पद दिया है। अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व दिल्ली की राजनीति में हमेशा मायने रखता है और भाजपा ने इसे अपने एजेंडे में प्राथमिकता दी है।

ब्राह्मण समुदाय के लिए कपिल मिश्रा की एंट्री

ब्राह्मण समुदाय भाजपा के कोर वोटर्स में गिना जाता है। इन मतदाताओं को खुश करने के लिए भाजपा ने कपिल मिश्रा को कैबिनेट में शामिल किया है। कपिल मिश्रा का आक्रामक हिंदुत्व राजनीति से जुड़ा चेहरा पार्टी के एजेंडे को और धार देने वाला हो सकता है। भाजपा का मानना है कि ब्राह्मण समुदाय का समर्थन उसे लगातार मिलता रहेगा।

पूर्वांचल के वोटरों को साधने की कोशिश

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने डॉ. पंकज कुमार सिंह को कैबिनेट में जगह दी है। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर्स की बड़ी संख्या है और यह समुदाय चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है। डॉ. पंकज कुमार सिंह बिहार के बक्सर जिला से आते हैं। विकासपुरी सीट पर आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को हराया है। पंकज कुमार सिंह राजपूत समाज से भी आते हैं, जिससे भाजपा को दोहरा फायदा हो सकता है। भाजपा ने पंकज सिंह को मंत्री बनाकर पूर्वांचली वोट बैंक (यूपी, बिहार, झारखंड आदि) को मजबूत करने की कोशिश की है। दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों का बड़ा प्रभाव है और यह समुदाय कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है।

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हर वर्ग के प्रतिनिधित्व से हर वोटर का सम्मान

भाजपा ने दिल्ली की जातिगत और क्षेत्रीय विविधता को समझते हुए अपनी कैबिनेट में मंत्रियों का चयन किया है। हर बड़े समुदाय को साधने की यह रणनीति पार्टी की चुनावी तैयारी को दर्शाती है। यह सियासी मास्टरस्ट्रोक भाजपा को न सिर्फ मजबूती देगा, बल्कि आगामी चुनावों में निर्णायक बढ़त भी दिला सकता है। आने वाले चुनावों में यह रणनीति भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।

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