'आप' ने दिल्ली को दोनों हाथों से लूटा: सीसीटीवी कैमरा घोटाला आया सामने, प्रवेश वर्मा ने दिए जांच के आदेश

Pravesh Verma orders investigation into CCTV scam case
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प्रवेश वर्मा ने सीसीटीवी स्कैम मामले में दिए जांच के आदेश।
CCTV Scam: दिल्ली में शराब घोटाले के बाद सीसीटीवी कैमरा घोटाला सामने आया है। इसके तहत पिछली सरकार पर आरोप लगाया गया है कि दिल्ली में सीसीटीवी लगाने की योजना पर घोटाला हुआ है। प्रवेश वर्मा ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। 

CCTV Scam: दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही एक के बाद एक लंबे समय से लंबित पड़ीं सीएजी रिपोर्ट पेश की जा रही हैं। इसी बीच अब पिछली सरकार की राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना को लेकर भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बता दें कि गुरुवार को विश्वास नगर से बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने दिल्ली विधानसभा में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने को लेकर हुई गड़बड़ी पर चिंता जताई। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार ने पूरे शहर में कैमरे लगाए लेकिन कैमरों के लिए जो भुगतान किया गया, उसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। इसके बाद विधानसभा सदन में ही प्रवेश वर्मा ने घोषणा की कि सीसीटीवी कैमरे मामले में हुई गड़बड़ी की जांच कराई जाएगी।

ओम प्रकाश शर्मा ने लगाए ये आरोप

विश्वास नगर से भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया कि सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना में घोटाला हुआ है। मैंने बार-बार ये मुद्दा उठाया कि पहले चरण में जितने कैमरे लगाने के लिए प्रस्ताव पास किया गया था, कैमरे उससे काफी कम संख्या में लगाए गए थे लेकिन इसके लिए भुगतान पूरी संख्या के कैमरों के लिए किया गया था, जो एक बड़ा स्कैम है।'

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उन्होंने आगे कहा कि 'पिछले 7-8 सालों में पूरी दिल्ली के अंदर दो फेस में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। सभी 70 विधानसभाओं में अलग-अलग फेस में दो-दो हजार कैमरे लगाने के लिए भुगतान हुआ। हालांकि मेरे क्षेत्र में पहले फेस में 2 हजार कैमरे में से केवल 40 कैमरे ही लगे लेकिन भुगतान सभी 2000 कैमरों के लिए हुआ।' भाजपा विधायक ने आगे कहा कि मेरा एक ही सवाल है कि मेरी विधानसभा में जो कैमरे लगे, वो कहां गए और किसने चोरी किए? उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की जांच के लिए मैंनें संबंधित एजेंसियों को लिखा है और गहन जांच की मांग की है।

विजेंद्र गुप्ता ने प्रवेश वर्मा को दिए आदेश

सदन के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि 'उस समय विपक्ष के 8 सदस्य थे, उस समय टेंडर की प्रक्रिया विधानसभा के अनुसार हुई। उस समय प्रावधान रखा गया कि हर विधानसभा में 2-2 हजार कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए एक लाख 40 हजार कैमरे खरीदे गए। वो कैमरे खरीदने के बाद विपक्ष के सदस्यों के यहां कैमरे नहीं लगाने दिए गए। वो कैमरे नहीं लगे लेकिन उन पर पैसा खर्च किया गया।'

विजेंद्र गुप्ता ने पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा को निर्देश दिए कि वो कैमरे कहां गए, इस पर ध्यान दें। इस पर प्रवेश वर्मा ने सीसीटीवी मुद्दे के पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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