Delhi Assembly Elections: दिल्ली में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपने वोटर्स के वोट पाने के लिए अलग-अलग तैयारियां कर रही हैं। दिल्ली विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी चुनौती है, पूर्वांचली वोटरों को साथ जोड़ना। दिल्ली की राजनीति में पूर्वांचली वोटर्स की संख्या लगभग 42 लाख है। माना जा रहा है कि जिनकी झोली में पूर्वांचली वोटर्स को वोट होंगे, वो दिल्ली की गद्दी संभाल सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली पूर्वांचल मोर्चा और पूर्वांचल मोर्चा समितियों के पदाधिकारियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है।
तैयार की जा रही पूर्वांचली कार्यकर्ताओं की टीम
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हर बूथ पर पूर्वांचली कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जा रही है और इनके सहयोग से चुनावी कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। कहा जा रहा है कि पिछले दो चुनावों में भाजपा के लिए पूर्वांचली वोटर्स को अपने साथ जोड़ पाना ही बड़ी चुनौती थी। पूर्वांचली वोटर्स ने आप का साथ दिया और आप ने बाजी मारकर दिल्ली में सत्ता हासिल की। हालांकि, इस बार भाजपा कोई गलती नहीं करना चाहती है। वो हर क्षेत्र में वोटर्स को साधने की कोशिश कर रही है।
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पूर्वांचली वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रही भाजपा
आप की तरह भाजपा ने भी दिल्ली में मुफ्त की रेवड़ी बांटने का ऐलान काफी पहले ही कर दिया है। अब भाजपा पूर्वांचली वोटरों को यकीन दिलाने की कोशिश कर रही है कि दिल्ली में मुफ्त योजनाएं जारी रहेंगी और ज्यादा सहूलियत के साथ मिलेंगी। इसके लिए भाजपा ने प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष संतोष ओझा और पूर्वांचल मोर्चा प्रदेश मंत्री एस. राहुल के साथ पूर्वांचल चुनाव संपर्क समिति के संयोजक और प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश प्रताप सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया है।
लिट्टी चोखा पर चर्चा
पूर्वांचली मोर्चा ने सभी विधानसभाओं में पूर्वांचलियों को जोड़ने के लिए 'चाय पर चर्चा' की तरह ही 'लिट्टी चोखा पर चर्चा' अभियान तैयार किया है। आने वाले कुछ दिनों में इस अभियान को शुरू किया जाएगा। पूर्वांचली वोटर्स तक अपनी पहुंच बनाने के लिए पूर्वांचली लाभार्थी संपर्क अभियान समेत पूर्वांचली सांस्कृतिक समिति संपर्क अभियान, पूर्वांचली मकर संक्रांति महोत्सव अभियान, पूर्वांचल स्वाभिमान सम्मेलन, पूर्वांचली सांस्कृतिक समिति संपर्क अभियान चलाए जाएंगे। इसको लेकर रणनीति तैयार की जा रही है और जल्द ही इसकी शुरुआत किए जाने की उम्मीद है।
पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करेगी भाजपा
कहा जा रहा है कि साल 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में पूर्वांचली मतदाताओं ने अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताकर उन्हें समर्थन किया था और इसके कारण दिल्ली में उनकी सरकार बनी। इस बार भाजपा पूर्वांचलियों तक पहुंच बनाने की कोशिश करके सियासी समीकरण बदलने की कोशिश कर रही है। पार्टी के कार्यकर्ता और पूर्वांचली समिति की तरफ से हर बूथ पर कम से कम पांच पूर्वांचली कमल मित्र तैयार करने और लगभग 1200 बैठकें आयोजित करने का प्लान किया जा रहा है।
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