Buy one Get on Free Liquor Bottle: नोएडा से सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रही हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि शराब की दुकानों पर लंबी कतारें लगा हुई हैं। पता चला कि इन दिनों यूपी में एक शराब की बोतल खरीदने पर एक बोतल फ्री मिल रही है, जिसके कारण इतनी भीड़ है। दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में 'बाय वन गेट वन फ्री' शराब की बोतलें मिल रही हैं। शराब ठेकेदारों की तरफ से 31 मार्च तक के लिए ये ऑफर दिया जा रहा है। इस लेकर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
आतिशी ने शेयर किया पोस्ट
आतिशी ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा नोएडा में एक के साथ एक बोतल शराब मुफ्त मिल रही है। मुझे उम्मीद है कि भाजपा वाले योगी सरकार के इस कदम के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और इस घोटाले की ईडी और सीबीआई जांच जरूर कराएंगे।
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संजय सिंह ने साधा निशाना
वहीं संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा 'योगी राज में शराब पर बंपर ऑफर चल रहा है। एक के साथ एक बोतल बिल्कुल मुफ्त मिल रही है। ये असली शराब घोटाला है लेकिन फिर भी चारों तरफ सन्नाटा है। सारे टीवी चैनल गजनी मोड में हैं और सभी RSS और BJP के नेता भी इस मुद्दे पर खामोश हैं।' इसके अलावा आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भी इस मामले को लेकर योगी और मोदी सरकार को घेरा है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि यूपी में एक शराब की बोतल पर एक बोतल मुफ्त दी जा रही है। इसके कारण शराब की दुकानों पर लंबी भीड़ लगी हुई है और इसकी वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। दरअसल, उत्तर प्रदेश के शराब ठेके वालों को 31 मार्च की रात 12 बजे तक सारा स्टॉक खत्म करना है। अगर ये स्टॉक खत्म नहीं होता है, तो बची हुई दारू सरकारी खाते में जमा हो जाएगी और उसकी बिक्री नहीं हो पाएगी। इसके कारण ठेकेदारों ने ऑफर निकाला है, ताकि दारू का स्टॉ खत्म हो सके।
यूजर्स ने दी प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो पर यूजर्स अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। शशांक नाम के यूजर्स ने आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'सरकार चली गई लेकिन इनकी बकैती नहीं गई। शराब घोटाला अलग होता है और स्टॉक क्लियर करना अलग बात होती है।' वहीं दूसरे यूजर ने कहा कि 'मार्च की क्लोजिंग के समय हर ठेके पर बरसों से ऐसा हुजूम लगता है। ठेकेदारों को अपना स्टॉक खत्म करना होता है। इससे सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं होता, बस ठेकेदारों को कम प्रोफिट होता है। लेकिन केजरीवाल ने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया था।'
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