Cancer Fake Medicine: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कीमोथेरेपी की नकली दवा बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। मामले में दिल्ली के एक कैंसर अस्पताल के दो कर्मचारियों सहित सात लोग गिरफ्तार हुए हैं। इनसे चार करोड़ कीमत की सात अंतर्राष्ट्रीय और दो भारतीय ब्रांड की कैंसर दवाएं बरामद हुई। इसके अलावा मशीनें व पैकेजिंग सामग्री आदि सामान जब्त किया गया हैं।
स्पेशल सीपी शालिनी सिंह के अनुसार, नकली कैंसर दवा के निर्माण और आपूर्ति में शामिल एक रैकेट के बारे में सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने इस रैकेट से जुड़ी जानकारियां जुटाई और चार अलग-अलग जगह पर रेड कर सात लोगों को पकड़ा जा सका। डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर स्थित दो फ्लैट में नकली कैंसर की दवा बनाई जा रही थी। वहीं, गुरुग्राम साउथ सिटी के एक फ्लैट में नकली कैंसर इंजेक्शन और शीशियों का एक बड़ा स्टॉक रखा गया था।
सात लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने यमुना विहार स्थित एक प्रतिष्ठित कैंसर अस्पताल में काम करने वाले दो लोगों कोमल तिवारी और अभिनय कोहली को भी पकड़ा है। दोनों पांच हजार रुपये प्रति शीशी की कीमत पर खाली शीशियां उपलब्ध करवाते थे। उनके पास से खाली शीशियां और पैकेजिंग सामग्री भी बरामद की गई है। अन्य पांच आरोपियों के नाम विफिल जैन, सूरज शात, नीरज चौहान, परवेज और तुषार चौहान हैं।
इनमें विफिल जैन बागपत, यूपी से है। उसने सीलमपुर में एक मेडिकल स्टोर पर काम करना शुरू किया था। बाद में वह थोक बाजार से स्थानीय मेडिकल स्टोरों पर दवाइयों की आपूर्ति करने लगा। 2-3 साल पहले उनके दिमाग में नकली कैंसर इंजेक्शन को फिर से भरने का विचार आया। इन इंजेक्शन की काफी ज्यादा कीमत होती है। उसे लगा जीवन रक्षक दवा होने के कारण वह इससे मोटी कमाई कर सकता था। उसने कुछ महंगे इंजेक्शन ब्रांडों को इसके लिए टारगेट किया। साथ ही परवेज को खाली शीशियों और नीरज को आगे की आपूर्ति के लिए अपने साथ जोड़ा। परवेज नकली इंजेक्शन की खाली शीशियों को भरने में शामिल था। वह खाली शीशियां लेता था और उसके बाद उनमें फ्लुकोनोजोल (एक एंटी-फंगल दवा जिसकी कीमत 100 रुपये है) भर देता था।
दोबारा पैकेजिंग कर बाजार में करते थे सप्लाई
दोबारा पैकेजिंग करने के बाद वह इसे ब्रांड के हिसाब से बाजार में 1 लाख से 3 लाख तक में बेचता था। आरोपी ईडब्ल्यूएस फ्लैट्स, डीएलएफ ग्रीन्स, मोती नगर में विफिल जैन के किराए के फ्लैटों में केयर टेकर था। वह विफिल जैन के निर्देशानुसार खाली शीशियों को भरते थे और कैप सीलिंग मशीनों की मदद से उन्हें सप्लाई करते थे। आरोपी नीरज चौहान ग्रेजुएट है। इसने एक निजी संस्थान से मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन का वोकेशनल कोर्स भी किया है। वह 2006-2022 तक दिल्ली और गुरुग्राम के प्रतिष्ठित अस्पतालों के ऑन्कोलॉजी विभाग में मैनेजर के तौर पर काम कर चुका है। 2022 में वह विफिल जैन के साथ जुड़ा। वह मेडिकल टूरिज्म के नाम से खुद की कंपनी चलाता है। वह उन लोगों को टारगेट करता था जो कैंसर के इलाज के लिए भारत आते थे। उन्हें नकली कीमोथेरेपी इंजेक्शन सप्लाई करने के लिए उसने अपने चचेरे भाई तुषार को भी साथ में हिस्सेदार बनाया हुआ था।
आरोपी परवेज कैंसर अस्पताल का पूर्व फार्मासिस्ट है। वह अस्पताल के पास ही डॉक्टर फार्मेसी नाम से शॉप चलाता था। इस फार्मेसी में कोमल तिवारी पार्टनर हैं। वह विफिल जैन और दो अन्य ग्राहकों को मांग पर इन इंजेक्शनों की खाली और भरी हुई शीशियां सप्लाई करते थे। अभिनय कोहली फार्मासिस्ट है और 2013 से कैंसर अस्पताल के साइटोटॉक्सिक एडमिक्सचर यूनिट में काम कर रहा है। वह पूरी तरह से भरी हुई शीशियों का सप्लायर है। वह परवेज को ये शीशियां सप्लाई करता था। प्रत्येक शीशी के लिए उसे पांच हजार रुपये मिलते थे। वहीं, आरोपी तुषार चौहान लैब टेक्नीशियन है। वह भागीरथ प्लेस में नकली दवा की आपूर्ति के लिए नीरज चौहान के साथ काम कर रहा था।